साथी!  सदा  साथ   निभाना , सदा साथ निभाना । हम  रहें  या  ना   रहें  जग में, अपना फर्ज निभाना ।। हानि लाभ हो या सुख दुःख हो, सबमें साथ निभाना।। दुःख-दरिया  में फँस  जाऊं जो , नैया पार लगाना।। साथी!- – – – – – – – – – — […]

पावस के दिन आये। कारे- कारे कजरारे से,                      मेघ गगन पर छाये ।                      पावस के दिन आये।। चम-चम चपला चमक रही है, मेघ    उसाँसें     भरते      हैं […]

नर   तन    है   अनमोल   पिया , जिसका   भाव  न  मोल  पिया। लख –   चौरासी    के  चमड़े  से , बना है    जिसका   ढोल  पिया।। पैसे   से    तौले     जो   इसको, बहुत   बड़ा   बकलोल    पिया। मानव – मुक्ति  की  सभी  युक्ति, इसमें   फिट    सब  रोल पिया।। माया – काया  , रति – गति  […]

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तारों की बरात लेकर आ गए चन्दा मामा। दूल्हा बनकर दुनिया में छा गए चन्दा मामा॥ चन्दा मामा निकल पड़े हैं मामी की तलाश में। दर-दर भटक रहे हैं देखो बादल संग आकाश में॥ प्यारे-प्यारे सारे तारे भूल गए हैं रास्ता। भटक गए हैं,लटक गए हैं कैसे करेंगे नाश्ता॥ निशा-रानी […]

  जैसे सुख को काटा तूने, दुःख भी तू हीं काटेगा। औरों की तरह ही ईश्वर, तेरी भी खुशियां बाँटेगा॥ तेरे सब्र की परख भी होगी, पाँव तेरा दुःख चाटेगा। और समय का मरहम लेकर, ज़ख्म तेरा सब पाटेगा॥ आज नहीं तो कल या परसों, या फिर नरसों-बरसों बाद। तेरे  […]

कब टूट जाए किसे है पता, साँसों का कोमल तार है जीवन। बहने देना पर बहकने न देना, सरिता की शीतल धार है जीवन। मधुर माया-जाल में फंसना न ‘सावन’, सुन्दरी का सोलह श्रृंगार है जीवन। ऐ मन-मयूर! मत करना गुरूर, क्षणिक बसन्त-बहार है जीवन। सप्त-सुरों के सरगम से सुसज्जित, […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।