गांधी पुण्यस्मरण विशेष ● डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ राघव की भक्ति, राघव के भजन और राघवमय जीवन का साक्षात उदाहरण, निर्विवाद रूप से राम की आराधना में सतत् रत, रघुपति राघव राजा राम से आरम्भ हुई यात्रा, हे राम! पर स्थगित होती है, ऐसे कर्मयोगी ने जीवन पर्यंत राम का […]
तुमको वंदन हे रघुनंदन! प्रभु अभिनंदन है, अभिनंदन, ठाढ़े करज़ोर करत वंदन, अभिनंदन हे दशरथनंदन! न जाने ये कैसी परीक्षा थी! सदियों-सदियों से प्रतीक्षा थी, दो दर्शन कौशल्यानंदन, प्रभु अभिनंदन है, अभिनंदन। दो-दो वनवास दिया जग ने, पुरुषोत्तम रूप जिया तुमने, तेरे अपराधी करते क्रंदन, प्रभु अभिनंदन है, अभिनंदन। है […]