लिखता में आ रहा, गीत मिलन के में। कलम मेरी रुकती नही, लिखने को नए गीत। क्या क्या में लिख चुका, मुझको ही नही पता। और कब तक लिखना है, ये भी नही पता। लिखता में आ रहा…..।। कभी लिखा श्रृंगार पर। कभी लिखा इतिहास पर। और कभी लिख दिया, […]

कर कर के में थक गया जीवन भर काम। सबको व्यवस्थित करके किया अपना काम। जब आया थोड़ा सा मौका मिल ने को आराम। तभी थमा दिया मुझे एक प्यारा सा पैगाम। जाकर तुम अब देखो पुन: एक नया काम। वाह री मेरी किस्मत और वाह रे मेरा नसीब। कभी […]

ये बेचैनी,ये मायुसी आजीवन है तेरे लिए आज भी दुखता मन है। तुझे भूलना मेरे साहस मे नही है नसो मे तेरे प्यार का चलन है। दिल अब भी करता है तेरी जीद पर तु किसी ओर की जानेमन है। हां,एक बात पुछनी थी पर तुझसे क्या सच मे शुकून […]

संगोष्ठी के प्रथम सत्र की अध्यक्षता सांस्कृतिक गौरव संस्थान, गुरुग्राम के मुख्य सला हकार और राजभाषा हिन्दी के विशेषज्ञ डॉ. महेश चंद्र गुप्त ने की। महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय के पूर्व हिन्दी-विभागाध्यक्ष और डीन तथा केंद्रीय हरियाणा विश्वविद्यालय के पूर्व हिन्दी-विभागध्यक्ष प्रो. नरेश मिश्र ने देवनागरी लिपि के ऐतिहासिक स्वरूप का […]

कलयुग में मिले है, सतयुग जैसे गुरुवर लोग जिन्हें कहते है विद्यासागर। त्याग तपस्या की, है वो एक मिसाल। कितनी कठिन साधना, करते है हर पल। तभी लोग कहते उन्हें, कलयुग के भगवान।। धारण किये हुए है आगम की चादर। उसके अनुसार ही, करते अपने कर्म। देते उपदेश वो सदा, […]

दिल रब ने दिया है तो। किसी न किसी से तो मिलेगा। प्यार की कश्ती में ये दिल बैठेगा। तभी तो दो दिलो का मिलन होगा।। दिलो की बात दिलवाले समझते है। प्यार करना परवाने जानते है। नजरे जब किसी से मिलती है। तभी तो ये दिल धड़कता है।। गलत […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।