*जीवन के इस अध्याय में,* अल्पविराम सी बाधाएँ कई, मत सपनो को तू विराम दे, कैसे भी उनको पूरा करना है, करता चल नित प्रयत्न यूँ ही। *जीवन के इस अध्याय मे,* प्रताड़ित करते शब्दो की आएंगी नित पीड़ाएँ दर्द भरी, मत घबरा तू पीड़ाओं से, करता चल नित प्रयत्न […]
आशीष और सपना शादी के बाद अपनी जॉब की वजय से अपने संयुक्त परिवार में ना रहकर गुड़गांव के दो कमरे के फ्लैट में अपना जीवन यापन कर रहे हैं।उन दोनों की शादी को लगभग पंद्रह साल हो गए हैं और एक बारह वर्षीय पुत्री के माता पिता है। […]
दिन – रात है वो साथ मेरे, ना पूछे मुझसे बात कोई, मोह जब उससे खत्म हुआ, तब पूछे मुझसे हाल मेरा, तब रह जाता कोई अर्थ नही। जीवन के संघर्षों में ना किया कोई प्रयत्न उनसे लड़ने का, यूँ ही थककर तू बैठ गया, लूटने पर जब करता प्रयत्न […]
छोटे-छोटे बच्चो ने होली पर बनाई है अपनी एक टोली। पानी से पिचकारी भर ली और रंगों से भर ली है झोली।। पानी से गुब्बारों को भरकर आज मनाएंगे सब होली। भीगे मुन्नी,भीगे मुन्ना,नाच नाच कर सब बच्चे खेले होली।। छोटे-छोटे बच्चो के संग उनके दादा-दादी भी खेले होली। बच्चो […]
अपने ही तमाशे पर देखो वो मुस्कुरा रहा है। बेशर्म जोकर देखो कैसे खिलखिला रहा है।। अजीब चेहरे बनाकर सबको सर्कस में बुला रहा है। पापी पेट की खातिर बहुत उछल खुद मचा रहा है।। किसी के भी सामने अपना तमाशा दिखा रहा है। बड़ा बेगैरत है अपनी बेज्जती पर […]
सच्चाई का मुखोटा उतार आया हूँ। बस आज मैं खुद को मार आया हूँ।। सच्चाई से मैं अपनी बहुत परेशां रहा हूँ। अब अपने लिए झूठ का नकाब लाया हूँ।। हर तरफ अब झूठ और मक्कारी छायी है। मेरी सच्चाई इस भीड़ में बहुत घबराई है।। हर एक,दूसरे से तीसरे […]
आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है।
आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं।
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया।
इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं।
हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।