मिले हम अपनी कविता, गीतों के माध्यम से तुम्हें। परन्तु ये तो कुछ, और ही हो गया। पढ़ते पढ़ते मेरी गीतों के, तुम प्रशंसक बन गये। और दिल ही दिल में, हमें चाहाने लगे। और अपने से, हमें लुभाने लगे।। दिल से कहूँ तो मुझे भी, पता ही नहीं चला […]

तेरी यादों को अभी तक, दिल से लगाये बैठा हूँ। की तुम लौटकर आओगे। अपने के साथ नहीं तो, परायें के साथ ही सही। तो आप की धरोहर, आप को सौप देंगे। और इस मतलबी दुनियाँ से, कुछ कहे बिना निकल लेंगे।। इसलिए कहता था तुमसे की, दिलके इतने करीब […]

गिरती हुई अर्थव्यवस्था, को कौन बचाएगा। मरते हुए इंसान को, कौन बचाएगा। यदि ऐसा ही चलता रहा, तो देश डूब जाएगा। और इसका श्रेय फिर, किस को देओगे।। जब जब भी अच्छा हुआ, वो मेरी किस्मत थी। अब बढ़ रही महंगाई, तो ये किसी की किस्मत हुई? और गिर रही […]

कहाँ से हम चले थे, कहाँ तक आ पहुंचे। सभी की मेहनत ने, दिखा जोश जो अपना। तभी तो हम भारत को, इतना विकसित कर सके। पिन से लेकर एरोप्लेन, अब हम बनाने जो लगे।। कड़े परिश्रम और लगन, के द्वारा ये हुआ है। तभी तो अपने भारत को, दुनियां […]

गौओ की रक्षा के लिए, खुलवा दिया दियोदय, इंसानों के प्राण रक्षा के लिए, बनवा दिया भाग्योदय। हिल मिलकर सब जीव रहे, अब इस संसार मे। ऐसे करुणा के भाव रखते, गुरुवर श्रीविद्यासागर। उनके चरणों में संजय करता, बारंबार नमोस्तु नमोस्तु। इसी तरह से हम सब मिलकर, करते रहे गुरुचरणों […]

तुझे देखने का हर रोज, हम इंतजार करते हैं। दिल से हम तुम्हे बहुत, प्यार करते है। कल का दिन तुझे देखे, बिना निकल गया। अब आज हमे तेरा, बहुत इंतजार है ।। आंखों से तीर छोड़ने की, जो तेरी अदा है। तेरी आँखों में नशा है। जो निगाहो से […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।