नेता नहीं देता कान, जनता की जमी जबान महँगाई सुरसा समान, छूने लगी आसमान । घूम लिये देश सारे, किन्तु जब वतन पुकारे, छप्पन इंची सीना धारे, छह इंची मुस्कान । मिला नहीं रोजगार, बैठे रहे क्यों बेकार, खोल सकते हो यार, पकौड़े की भी दुकान । विरोधियों को कहने […]