जन्मदिन हो मुबारक तुम्हें मिले खुशियां सारी कर्म करो तुम एेसा कि बन जाओ सबसे न्यारी यश-वैभव से पूरित भरा जीवन सारा है स्वस्थ रहो प्रफुल्लित रहो यही आशीर्वाद हमारा है संस्कार से पूर्ण हो और बनो आज्ञाकारी नेक काम करो ऐसा कि सब गुणगान करें तुम्हारी पढाई में अपना […]

मधुर वचन ही बोलिए, सबके मन हर्षाय। कर्कश वाणी आपकी, सबको नहीं सुहाय। काम तू ऐसा कीजिए, जग में हो पहचान, नेक कर्म का फल मिले, लोग करें गुणगान। मात-पिता के चरण में, होते चारों धाम, उनकी तुम सेवा करो, बनते बिगड़े काम। प्यार भरे अनमोल पल, थामें रखना हाथ, […]

आओ मिलकर शपथ लें पर्यावरण बचाएं हम। चहुंओर हरियाली हो प्रकति को सुंदर बनाएं हम। ताजी, ठंडी, खुली हवा मिले मन में हो खुशहाली, भारत भूमि के कण-कण में हरियाली फैलाएं हम। हरी-हरी धरती ये प्यारी और हरे-भरे हो खेत, धरती की पावन मिट्टी लेकर बीज उगाएं हम। नव-पल्लव अंकुरित […]

भारत की इस धरा पर बसते वीरान गांव। झोपड़ी में रहते है न मिलता इनको छांव। बंजर सी जमीन यहाँ पर न कोई हरियाली, भेड़,बकरी तरसे खाने को न कोई खुशहाली। कच्ची मिट्टी,सौंधी खुशबू खुश रहते है लोग, न कूलर,ए.सी.की जरूरत न होता कोई रोग। चलदी पनघट पानी भरने शीश […]

माँ का प्यार है अनमोल नही है उसका कोई मोल माँ की ममता सब पर भारी नही है उसका कोई तोल कभी माँ बनकर तो कहीं दोस्त बनकर बच्चों को देती सहारा है त्याग दया और मातृत्व से भरा ये जीवन सारा है दुनियां से लड़ जाती बच्चों के लिए […]

बैसाख का महीना ग्रीष्म ऋतु का आगमन सूरज की गुनगुनाती धूप खिड़कियों से झांकती इतराती,इठलाती संदली सी धूप फिर चिलचिलाती तपती दुपहरी गर्मी की तपिस से तपता वदन कठिन परिश्रम करते मजदूर लोग टप-टप टपके तन से पसीना अनवरत कार्य करते देखते है तो मन अनायस ही कुछ कहने को […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।