अहोई माता का व्रत रखने और उनकी मनोयोग से पूजा करने से अहोई मां, उपवास रख रही मां व उनकी सन्तान को लम्बी उम्र का आशीर्वाद देती हैं। संतान की सलामती से जुड़े इस व्रत का बहुत महत्व है। साथ ही इस दिन की पूजा को विशेष पूजा भी कहा […]

अक्सर आध्यात्मिक गलियारों में ये गीत गुनगुनाया जाता है । बड़े विश्वास और ईश्वरीय अनुराग की अनुभूति से जब मानव मन गुज़रता है ,तो ये पंक्तियां अपना अर्थ खोल देती हैं। गोपियों के प्रेम ,समर्पण की पराकाष्ठा को समेटे ये गीत उनकी मन: स्थिति की ,भावों को उजागर करता है। […]

जय दधीचि , भारतीय संस्कृति उत्सवों और महोत्सवों की संस्कृति है। पुनीत पावन पूजनीय यह भारत की भूमि है। ये अवतारों की भूमि है ये भूमि संस्कारो की भूमि है, सारी देव सत्ता अनेकों रूपो में यहा पर विद्यमान है भारत भूमि पर जन्म लेना ही इस बात का प्रमाण […]

‘मुझे क्षमा कर दिजिए मेरी वजह से आपको दुःख पहुँचा’ यह कहना बड़े साहस का काम है।शायद इसी लिए क्षमा को वीरों का आभूषण कहा गया है। क्षमा करना उतना कठिन नहीं है जितना क्षमा मांगना। गलती करना मानव की स्वाभाविक प्रवृत्ति है। हम सभी अहंकार या प्रमादवश गलती करते […]

हम जीवन भर एक गुरु की तलाश में रहते हैं, जो हमारा मार्ग दर्शन कर सके। जो हमें यह समझा सके कि जीवन को सफल बनाने के लिए क्या किया जाए। हम सभी को एक ऐसे व्यक्ति की जरूरत महसूस होती है जो हमें जीवन के बड़े फैसले लेने में […]

हिन्दू धर्मावलंबियों समेत अन्य धर्मों में भी शायद ही कोई ऐसा मंदिर, मस्जिद या गिरजाघर होगा जो वर्ष में एक दिन के लिए खुलता होगा, लेकिन महाकाल की नगरी उज्जैन में एक दुर्लभ नागचन्द्रेश्वर मंदिर है जो कि प्रसिद्ध महाकाल मंदिर की तीसरी मंजिल पर स्थित है। इसकी खास बात […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।