आ भी जा पास अब मेरे मोहन। अब तुझे टेरने लगा है मन॥ रात काली डरा रही है हमें। बिन तुम्हारे नहीं कटे जीवन॥ राधिका आ बसो भवन मेरे। है सुहाना बड़ा सुघड़ आँगन॥ वक्त करवट बदल रहा है यूँ। ग्रीष्म के बाद आ गया सावन॥ सांवरा बस रहा […]
मेरा शहर न अब मेरा है, गली न मेरी रही गली है। अपनेपन की माटी गायब, चमकदार टाइल्स सजी है। श्वान-काक-गौ तकें,न रोटी मृत गौरैया प्यास लजी है। सेंव-जलेबी-दोने कहीं न, कुल्हड़-चुस्की-चाय नदारद। खुद को अफसर कहता नायब, छुटभैया तन करे अदावत। अपनेपन को दे तिलांजलि, राजनीति विष- बेल पली […]
व्यास जी बोले- एक दिवस नैमिष निर्जन में। शौनकादि ऋषि बैठे वन मेंll चिंतित जग की दशा निहारें। तभी सूत जी वहाँ पधारेll लगे पूछने सब मिल उन से। वांछित फल मिलता किस व्रत सेll कहा सूत ने नारद ने भी। पूछा कमलापति से यह हीll प्रभु ने […]
हमने बोए थे गुलाब, क्यों नागफनी उग आई ? दूध पिलाकर जिनको पाला, बन विषधर डसते हैं, जिन पर पैर जमा बढ़ना था, वे पत्थर धँसते हैं। माँगी रोटी, छीन लँगोटी जनप्रतिनिधि हँसते हैं। जिनको जनसेवा करनी थी, वे मेवा फ़ंकते हैं।! सपने बोने थे जनाब पर नींद कहो कब […]
सुबह के सूरज से, आँख मिलाकर की बातें दोपहर के सूरज से नहीं कर सकते बातें, सबने उसे सिर चढ़ा रखाl अभिमानी इंसान दिया भी दिखा नहीं सकते, क्योंकि,सूरज ने उनकी परछाई का कद कर रखा है छोटाl हर रोज की तरह, होती विदाई सूरज की सूर्यास्त होता ये भ्रम […]
आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है।
आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं।
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया।
इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं।
हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।