जीने के लिए ऐतबार जरूरी है अपनो का सदा प्यार जरूरी है तन्हा सफर जिंदगी का कटता नहीं हमसफ़र कोई हकदार जरूरी है कोई तो हो ऐसा फिक्र करने वाला साथी कोई तलफगार जरूरी है मिलते है बहुत जमाने मे चोट देने वाले मरहम बनके आए दिलदार जरूरी है रिश्ते […]
मैंने कब किसी से अदावत रखी है मेरे दिल मे तुम्हारी चाहत रखी है फासले है तेरे मेरे दरमियाँ तो क्या दोस्ती मैंने अब तक सलामत रखी है दर्द ही दर्द मुझको मिलते रहे हैं मुस्कुराने की मैंने आदत रखी है तुमको मंजिल मिले आसमां सी ऊँचाई मैंने नजरें करम […]
खुद को कैसे नाराज लिख दूँ सोचता हूँ सारे राज लिख दूँ मस्ती में तुम दिन गुजार लो जीने का यही मैं अंदाज लिख दूँ मुद्दतों से तुमको देखा नहीं है कागज पे तराने साज लिख दूँ छू लो तुम ऊँचाई इस कदर हौसलों को तुम्हारे परवाज लिख दूँ एक […]
अपने दिल की हर बात लिखता रहा दिन क्या तमाम रात लिखता रहा एक पल भी आया न मुझको सुकून मैं अपने ही हालात लिखता रहा लम्हा खुशी का तो, कभी गम का खुद से ही किये सवालात लिखता रहा लोग शायर मुझको समझने लगे जबकि मैं अपने ख्यालात लिखता […]
आपसी में तकरार क्यो है ये रिश्तों में दरार क्यो है न जाने नजर किसकी लगी फीके सब त्यौहार क्यो है टीस सी उभरती है सीने में बदला हुआ व्यवहार क्यो है रौनक भी जाने कहा खो गई सुना ये घर द्वार क्यों है क्यो बढ़ गया रंजिशों का चलन […]
यादों का मौसम सुहाना लगता है दिल का रिश्ता पुराना लगता है तुम ही सोचो तुम्हे कैसे भूल पाएंगे धड़कते दिल का तराना लगता है तुमको पलको पर बिठा रखा है नामुनकिन तुमको भुलाना लगता है अहसास प्यार के मर नहीं सकते तुमको अपना बनाना लगता है दूर हो मुझसे […]
आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है।
आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं।
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया।
इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं।
हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।