इंदौर ।
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के इंदौर स्थित भारतीय सोयाबीन अनुसंधान संस्थान में कम्प्यूटर में हिंदी के प्रयोग पर आज एक कार्यशाला आयोजित की गई. कार्यशाला में फील्ड आउटरीच ब्यूरो, इंदौर के सहायक निदेशक मधुकर पवार मुख्य वक्ता थे. भारतीय सोयाबीन अनुसंधान संस्थान के कार्यकारी निदेशक डा. अमरनाथ शर्मा ने अध्यक्षता की. इस अवसर पर पवार नेकहा कि संचार क्रांति और प्रौद्योगिकी में आवश्यकतानुसार हो रहे अनुसंधान के चलते न सिर्फ कंप्यूटर में हिंदी में कार्य करना आसान हो गया है बल्कि मोबाइल पर भी हिंदी में कार्य बहुतायत मात्रा में किया जाने लगा है। अब हिंदी में कार्य करने में किसी भी तरह का अवरोध नहीं है।
पवार ने व्यवहारिक प्रशिक्षण देते हुये बताया कि अब टायपिंग नहीं जानने वाला व्यक्ति भी कम्प्यूटर और मोबाईल पर बिना त्रृटि के कार्य कर सकता है. यही नहीं…अब तो कम्प्यूटर और मोबाईल पर बोलकर भी लिखा जाने लगा है. पवार ने कार्यशाला में मौजूद सभी अधिकारियों और कर्मचारियों से अनुरोध किया कि अनुसंधान केंद्र का सीधा सम्पर्क किसानों से होता है इसलिये सरल हिंदी का उपयोग करें ताकि किसान आसानी से अनुसंधान कार्य को समझ कर उत्पादन बढ़ा सकें. उन्होने कम्प्यूटर और मोबाईल में हिंदी में कार्य करने में आ रही समस्याओं का निराकरण भी किया. इस अवसर पर कार्यकारी निदेशक डा. शर्मा ने बताया कि अनुसंधान केंद्र में प्राय: 99 प्रतिशत कार्य हिंदी में किया जा रहा है. कार्यशाला को बेहद उपयोगी बताते हुये डा. शर्मा ने कहा कि इससे अहिंदी भाषी भी अब हिन्दी में आसानी से कार्य कर सकेंगे. वरिष्ठ तकनीकि अधिकारी श्री श्याम किशोर वर्मा ने कार्यशाला के आयोजन के उद्देश्य के बारे में बताया. कार्यशाला का संचालन श्री केसरी ने किया. सहायक मुख्य तकनीकि अधिकारी श्री संजय पाण्डे ने आभार माना.