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जन्म दे सवारती सु मातु प्यार से दुलार,
मात के ममत्व को कभी नहीं विसारिये|
आन वान शान मान प्राण को करें निसार,
मात के महत्व को सदा हिये विचारिये||
धर्म मर्म धीर पीर प्रेम प्यार स्नेह नीर,
ईश रूप मात पै सु प्राण को निसारिये|
बात ये अमोघ जान मात से सु देह जान,
मात के सु दिव्य ज्ञान विश्व में पसारिये||
रीति नीति छोड छाड लोक लाज को विसार,
स्वार्थ से विभोर हो अनाथ ना बनाइये|
स्नेह भरा हाथ फेर दुःख को करे न टेर,
मात रूठ जाय आप प्यार से मनाइये||
नित्य नित्य आठ याम मात चाप चार धाम,
हाथ जोड मात आप शीश को नबाइये|
बात को चरित्र मान ईश रूप माँ तु जान,
मात के स्वरूप आप ध्यान मे बसाइये||
#चंचल पाण्डेय ‘चरित्र’
परिचय: चंचल पाण्डेय ‘चरित्र’ की जन्मतिथि-५ अप्रैल १९८९ और जन्म स्थान-रूदपै है। निवास शहर-शंभूगंज (राज्य-बिहार)में है। आपने बी.ए. की शिक्षा हासिल की और गैर सरकारी शिक्षक हैं। आप काव्य लेखन करते हैं,जिसका उद्देश्य-हिन्दी का अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार करना है।
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