विनय मिश्र की कृति तेरा होना तलाशू से गुज़रते हुये

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jiyaur

इन दिनों हिन्दी कविता में सबसे अधिक चर्चा हिन्दी ग़ज़ल की है.आज हिन्दी ग़ज़ल को जिन लोगों ने इस मुकाम पर लाया है उसमें एक महत्वपूर्ण नाम विनय मिश्र का भी है.विनय मिश्र हिन्दी के समर्पित ग़ज़लगो हैं जिनके पास ग़ज़ल वाला लहजा भी है.वो ग़ज़ल में उन विषयों को  उठाते हैं जिसका सम्बन्ध रोजमर्रा की ज़िंदगी से है.उनके अधिकतर शेर छोटी बहर में लिखे गये हैं लेकिन उसमें शेरीयत में कोई कमी नहीं आई है.
तेरा होना तलाशू उनकी ग़ज़ल की दूसरी किताब है इस बीच उन्होंने दोहा और ग़ज़ल की आलोचना पर भी बेहतर काम किया है.
लगभग एक सौ पांच ग़ज़लों की ये किताब हिन्दी ग़ज़ल की दावेदार को बेहतर तरीक़े से रखती है.जब शायर अपने पहले ही शेर में कहता है
वो रंजिश में नहीं अब प्यार में है
मेरा दुश्मन नये किरदार में है
तो वो समाज के नब्ज़ को बेहतर तरीक़े से पकड़ता है.उसे पता है कि हमारे साथ बड़ी  मोहब्बत से पेश आने वाला आदमी अंदर से क्या इरादा रखता है.कभी अहमद फ़राज़ ने कहा था…जब देखना किसी को कई बार देखना..
आदमी आज भीड़ रहते हुये भी अकेलापन का शिकार है.जिंदगी की तेज रफ्तार में किसी के पास किसी के लिये फुरसत नहीं है.विनय साहब कहते हैं..
अकेले जिंदगी जीनी पड़ी है
यहाँ इस बात की चर्चा बड़ी है
विनय मिश्र हिन्दी ग़ज़ल के शायर हैं.लेकिन वो उस खेमे के नहीं हैं जिन्होंने हिन्दीपन में अपनी गजलें बिगाड़ कर रख दी.वो ईमानदारी से उन सब शब्दों का प्रयोग करते हैं जो उनके शेर में बोलता है.
कहना न होगा कि अपनी ग़ज़लों की खूबसूरती के साथ संकलन का आवरण और छपाई भी बेहद आकर्षक है.
इस अनमोल कृति से हिन्दी ग़ज़ल और भी मजबूत हुई है.
कृति -तेरा होना तलाशू

#डॉ.जियाउर रहमान जाफरी 
परिचय : डॉ.जियाउर रहमान जाफरी की शिक्षा  एम.ए. (हिन्दी),बी.एड. सहित पीएचडी(हिन्दी) हैl आप शायर और आलोचक हैं तथा हिन्दी,उर्दू और मैथिली भाषा के कई पत्र- पत्रिकाओं में नियमित लेखन जारी हैl प्रकाशित कृति-खुले दरीचे की खुशबू(हिन्दी ग़ज़ल),खुशबू छूकर आई है और चाँद हमारी मुट्ठी में है(बाल कविता) आदि हैंl आपदा विभाग और राजभाषा विभाग बिहार से आप पुरुस्कृत हो चुके हैंl आपका निवास बिहार राज्य के नालंदा जिला स्थित बेगूसराय में हैl सम्प्रति की बात करें तो आप बिहार सरकार में अध्यापन कार्य करते हैंl

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आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।