श्री कृष्ण अब इन ………..

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ankit jain
द्रोपती की ईज्जत बचाई आप ने अब बेटियों की पुकार सुन चले आईये
श्री कृष्ण अब इन बेटियों की ईज्जत बचाने आईये
जिस बेटी को धरती का सबसे पवित्र माना गया
हर कार्य का पहले शुभारंभ जिसके हाथो से किया गया
आज क्यो वह लुट रही क्रुरता भरे बाजार में इस बाजार पर लगाम लगाने चले आईये
श्री कृष्ण अब इन……….
अर्जन को ज्ञान दिया तुमने युद्ध स्थल पर
हुई विजय मनी खुशियां इस विश्व भूमि पर
इन दुराचारियों को सबक सिखाने का लोगों में सन्देश जगाईये
श्री कृष्ण अब इन……….
ये क्या हुआ बेटी तेरे साथ क्रुरता भरा
झलकाती है मां आसू अपने मोतियों की तरह
सोती नही रात भर रोती दुखी वो मां अब रो रही इस मां की पीड़ा को सुनने आईये
श्री कृष्ण अब इन ……….
लुट रही थी  बेटियां जब बीच सड़को पर
कोई नहीं गया ढकने शरीर थोड़े से कपड़ो से
देख रहे थे तमासा लुटटी हुई बेटी का उन लोगों को जानवर से  इन्सा बनाने आईये
श्री कृष्ण अब इन ………
कम न हुआ उस भरी सभा में एक इंच भी कपड़ा
बड़ता ही गया वह तो सबको था अचम्भा
द्रोपटी की प्रार्थना की स्वीकार आप ने अब बेटियों की चीख भरी प्रार्थना सुनने आईये
श्री कृष्ण अब इन ………
कहा गये वो लोग कहां गयी वो मानवता
जहां बेटियों की इज्ज़त लुटते देख इनका जी भी न मचलता
प्रेम को बना लिया अश्लीलता अब तो लोगों ने
अब इन को भी समझाने आईये
नाम-अंकित जैन
साहित्यिक उपनाम-विरागांकित
जन्म स्थान -पथरिया
वर्तमान पता- पथरिया जिला दमोह
राज्य-मध्यप्रदेश
शहर-पथरिया
शिक्षा- बी. ए.(अध्ययनरत)
विधा -गीत/कविता/लेख
अन्य उपलब्धियाँ- संगीत में गाना और बजाना दोनों में ही समाज के चहेता
लेखन का उद्देश्य- मात्र भाषा हिन्दी भाषा के प्रचार-प्रसार और हिंदी भाषा को बढ़ावा देने का प्रयास करना 

Arpan Jain

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।