अभिनय मलिका श्रीदेवी, एक अध्याय की समाप्ति 

0 0
Read Time5 Minute, 42 Second
edris
श्रीदेवी क13 अगस्त 1963 को जन्मी श्री अम्मा यंगर अयप्पन उर्फ श्रीदेवी तमिलनाडु के सिवाकाशी कस्बे में हुवा था पिता कन्नड़ ओर माता तेलगु परिवार से थी
पहली तमिल फिल्म 3 साल की उम्र में थूंनई वन थी
श्री की बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट दूसरी फिल्म में ही अवार्ड से नवाजा गया था जो दक्षिण भारतीय फिल्म थी
फ़िल्म जुली 1975 में मुख्य हीरोइन के बहन का किरदार भी निभाईं थी
लेकिन पहली हिंदी फिल्म  बतौर मुख्य किरदार सोलवा सावन 1979 थी
हिम्मतवाला 1983 से श्रीदेवी ने खुद को स्थापित कर दिया
ओर न केवल जनता को अपने अभिनय का जलवा दिखाया वरन डांस से भी सभी का दिल जीत लिया
1984 में फ़िल्म तोहफा से श्री ने सभी को अपना बनाते हुवे अभिनय शिखर पर जा पहुची
कमल हासन के साथ फ़िल्म सदमा 1983 की कल्पना श्री के बिना अधूरी ही होती,
फ़िल्म जांबाज में श्री का किरदार छोटा था पर पूरी फिल्म उनके नाम रही
फ़िल्म कर्मा, नगीना
मिस्टर इंडिया, मिस्टर इंडिया,
चालबाज में दोहरी भूमिका लाजवाब निभाई
1989 में चांदनी से श्री ने अभिनय की ऐसी छटा बिखेरी की पूरे देश मे उनकी ठंडक छा गई
लम्हे, के लिए दूसरा फ़िल्म फेयर अवार्ड मिला
1992 में बिग बी के साथ खुदा गवाह
1993 में पूरे देश मे फ़िल्म रूप की रानी चोरो का राजा के लिए जनता से वोटिंग करवा कर श्री ने रूप की रानी का किरदार निभाया यह फ़िल्म उस वक्त की सबसे महंगी फ़िल्म थी
जुदाई 1997 के बाद आपने अभिनय से ब्रेक लिया
फिर कमबैक किया इंग्लिश विंग्लिश 2011 में,  फ़िल्म न केवल सफल रही श्री के अभिनय की धार ओर तीक्ष्ण हो चली थी
फ़िल्म मॉम 2017 में सौतेली माँ का किरदार ओर बदला काबिले एहतराम था,
साथ ही श्री ने मालिनी अय्यर नामक टीवी सीरियल में भी सफल काम किया था
आप को 2013 में पद्मश्री जो कि देश का चौथा सबसे बड़ा अवार्ड है से नवाजा गया
हिंदी सिनेमा में
मिस्टर इंडिया चालबाज, लम्हे, नगीना के लिए फ़िल्म फेयर
ओर 2 तमिल एक तेलगु फील्म के लिए फ़िल्म फेयर से नवाजा गया
श्री के अभिनय की असीमित उचाइयां देखने को मिली फ़िल्म गुमराह में जिसमे विदेशी जेल में कैदी की दिल दहला देने वाला अभिनय दिखाया के दर्शकों की रूह तक कॉप गई थी,
श्री के समकालीन जितनी भी अभिनेत्रिया थी उनमे श्री निसन्देह सबसे ऊपर खुद को स्थापित किया था अपने अभिनय कौशल और नृत्य के दम पर,
कुछ फिल्में तो श्री के बिना सोची भी नही जा सकती थी
श्री भारत के बॉलीवुड इंडस्ट्री की अघोषित पहली लेड़ी सुपरस्टार मानी जाती है
श्री ने न केवल तमिल, तेलगु, कन्नड़, मलयालम, फिल्मो में भी अभिनय के जलवे बिखेरे थे
श्री की अभिनय की एक खास बात यह थी कि उन्होंने हर तरह के किरदारों से बखूबी इंसाफ किया
चाहे मार्डन प्रेमिका हो या  घरेलू पत्नी या परिवारिक किरदार
उनके अभिनय क्षमता हर फिल्म के साथ परिपक्वता लाती जाती थी
कल रात दुबई में एक शादी समारोह में 54 वर्षीय श्री अचानक दिल का दौरा पड़ने से गुज़र गई
पूरे बॉलीवुड इस खबर से गमगीन है
श्री को हमारे ,,,,,, समाचार पोर्टल की तरफ से श्रद्धांजली
हिंदी फिल्मों की पहली लेडी सुपरस्टार के विदाई

            #इदरीस खत्री

परिचय : इदरीस खत्री इंदौर के अभिनय जगत में 1993 से सतत रंगकर्म में सक्रिय हैं इसलिए किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं| इनका परिचय यही है कि,इन्होंने लगभग 130 नाटक और 1000 से ज्यादा शो में काम किया है। 11 बार राष्ट्रीय प्रतिनिधित्व नाट्य निर्देशक के रूप में लगभग 35 कार्यशालाएं,10 लघु फिल्म और 3 हिन्दी फीचर फिल्म भी इनके खाते में है। आपने एलएलएम सहित एमबीए भी किया है। इंदौर में ही रहकर अभिनय प्रशिक्षण देते हैं। 10 साल से नेपथ्य नाट्य समूह में मुम्बई,गोवा और इंदौर में अभिनय अकादमी में लगातार अभिनय प्रशिक्षण दे रहे श्री खत्री धारावाहिकों और फिल्म लेखन में सतत कार्यरत हैं।

Arpan Jain

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

बैंकों का घुमावदार सीढ़ियां ... !!

Wed Feb 28 , 2018
तब तक शायद बैंकों का राष्ट्रीयकरण नहीं हुआ था। बचपन के बैक बाल मन में भारी कौतूहल और जिज्ञासा का केंद्र होते थे। अपने क्षेत्र में बैंक का बोर्ड देख मैं सोच में पड़ जाता था कि आखिर यह है क्या बला। बैंकों की सारी प्रक्रिया मुझे अबूझ और रहस्यमय […]
tarkesh ojha

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।