हास्य श्रृंखला की चौथी कड़ी `गोलमाल अगेन` के लिए यही कहना है कि,दिमाग छोड़ो,केवल मुस्कुराओl इस फिल्म में सितारे अजय देवगन-गोपाल,अरशद वारसी-माधव,परिणीति-खुशी,तब्बू-एना,तुषार कपूर-लकी,श्रेयस-लक्ष्मण,कुणाल-लक्ष्मण २,प्रकाश राज-वासु रेडी सहित जानी लीवर-पप्पी भाई,मुकेश तिवारी-वसूली, संजय मिश्रा-बबली भाई,वृजेश हिरजी-बाबा अलावा नील नितिन-निखिल तथा नील नितिन-पप्पू भी हैंl कहानी रोहित शेट्टी की है तो,पटकथा साजिद फरहद की है,जबकि संवाद युनुस सजवाला ने लिखे हैंl बेकग्राउंड संगीत अमर मोहिले का है और गीत-संगीत की जिम्मेदारी अमाल मलिक ने पूरी की हैl फिल्म की अवधि १५१ मिनट हैl कहानी मराठी फिल्म `पछाड़लेला` की री-मेक है,जो ज्यादा हास्य से भरपूर थी,परन्तु रोहित ने कहीं भी क्रेडिट नहीं दिया हैl `ग्रेट ग्रांड मस्ती` इंद्र कुमार की फ़िल्म की कहानी भी इससे मिलती-जुलती हैl कहानी को चारों गोलमाल से आगे यानी प्रीक्वल बनाकर पेश किया गया और सभी को बांधने के लिए एक अनाथालय की डोरी रखी गई हैl जमुनादास अनाथालय में छह बच्चे गोपाल,माधव, लक्ष्मण,लकी,लक्ष्मण २ और पप्पी भाई रहते थे,जो अनाथ थेl यहीं पर एक अनाथ बच्ची पहुँचती है,जिसका नाम `खुशी` रखते हैंl सब उस खुशी को दिलों-जा से चाहते हैंl यहीं एना भी रहती है,जो भूतों से बात कर सकती हैl
एक दिन गोपाल तथा लक्ष्मण अनाथालय छोड़ के चले जाते हैं तो,उनके पीछे माधव,लकी,लक्ष्मण २ भी छोड़कर चले जाते हैंl जवान होने पर भी वह सभी उस अनाथालय से रिश्ता नहीं भूलते,और एक दिन खबर लगती है कि,जमुनादास की की तेरहवीं होने जा रही है तो और सब वहां पहुचते हैंl वहां पर एक भूतनी उन सबका इंतज़ार कर रही है इंसाफ के लिएl अब भूतनी कौन है,इसके लिए दिमाग घर रखकर फ़िल्म देखना पड़ेगीl
फ़िल्म में संगीत औसत दर्जे का तथा गाने सामान्य ही हैंl नाना की आवाज़ और एक जगह तड़का में एंट्री बढ़िया हैl एक दृश्य में गोपाल डर के उठता है,तो बिस्तर के पास एक पोस्टर लगा होता है १९७९ काl फिर जब वह अनाथालय पहुँचता है तो २०१७ में प्रकाशित एक किताब लाईब्रेरी से गिरती हैl रोहित शेट्टी इस बार कॉमेडी तो कर पाए,लेकिन कहानी को जोड़ने में असफल रहे हैं,परन्तु परिस्थितिजन्य हास्य में सफल हुए हैं,इसलिए फ़िल्म हंसाती हैl अजय,अरशद,तब्बू, जानी लीवर,संजय मिश्रा,श्रेयस,तुषार और कुणाल सहित सभी ने अपना काम बखूबी निभाया हैl इसमें जानी ओर संजय का समय का सामंजस्य शानदार रहा हैl
गाने भी कामचलाऊ ही हैंl लोकेशन यशराज फ़िल्म स्टूडियो था,तो फ़िल्म २४ दिन के शूट में पूरी हुई है, लेकिन अगर रोहित `गोलमाल` को ज़िंदा रखना चाहते हैं,तो कहानी पर अगली बार और मेहनत करनी पड़ेगीl इसे ३५०० पर्दों पर प्रदर्शित किया गया हैl दीवाली का समय है,इसलिए ७० करोड़ का बजट पार होना आसान होने की उम्मीद हैl साजिद फरहद,यूनुस की पटकथा और संवाद हंसने के लिए मजबूर कर देंगे,यानी कुल मिलाकर फ़िल्म दीवाली का मज़ा बरकरार रख सकती है,पारिवारिक मनोरंजन दे सकती हैl इस फ़िल्म को ३ सितारे देना सही हैl
#इदरीस खत्री
परिचय : इदरीस खत्री इंदौर के अभिनय जगत में 1993 से सतत रंगकर्म में सक्रिय हैं इसलिए किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं| इनका परिचय यही है कि,इन्होंने लगभग 130 नाटक और 1000 से ज्यादा शो में काम किया है। 11 बार राष्ट्रीय प्रतिनिधित्व नाट्य निर्देशक के रूप में लगभग 35 कार्यशालाएं,10 लघु फिल्म और 3 हिन्दी फीचर फिल्म भी इनके खाते में है। आपने एलएलएम सहित एमबीए भी किया है। इंदौर में ही रहकर अभिनय प्रशिक्षण देते हैं। 10 साल से नेपथ्य नाट्य समूह में मुम्बई,गोवा और इंदौर में अभिनय अकादमी में लगातार अभिनय प्रशिक्षण दे रहे श्री खत्री धारावाहिकों और फिल्म लेखन में सतत कार्यरत हैं।
खत्री सर को मेने बहोत करिब से देखा है
जाना है समझा है
वास्तविक मे ईनके जैसा ना तो कोई अभीनेता और ना कोई लेखक है
ये बहौत ही मीलनसार प्रवत्ति के व्यक्ति है
मालिक हमेशा ईन्हे स्वस्थ रखे मस्त रखे
यही कामना करता हुँ
आपका छोटू
शुभम पाठक