कहने को तो संत है,न आशा न राम,
आचरण इनका देखिए,गुण्डों जैसे कामl
गुण्डों जैसे काम,खुद ने यो कृष्ण बताए,
दुराचार का धंधा,कब से रहो चलाएl
जुड़ा नाम में राम,काम रावण ते बदतर,
व्याभिचार में लीन,उमर हो गई बहत्तरl
नहीं उमर की लाज,बच्ची वो पोती जैसी,
शरम न आई इनको,नीयत कर ली खोटीl
ऐसे दुराचारी को जब,नेता शीश झुकावें,
आम आदमी सामने इनके,कहाँ टिक पावेl
अरबों-खरबों लूट के,देखो इनके ठाठ,
जो चाहे ये सो करें,बॉक्सर चलते साथl
बॉक्सर चलते साथ,ज़रा न ये घबराए,
रब ते ऊपर खुद ने हरदम ये बतलाएl
औरन को तो ज्ञान देत,पर ये समझ न पात,
कुकर्म करत लज्जा नहीं,अब फिरते मुंह छिपातl
बैठे भीतर जेल में,सुन लो इनकी बात,
काजू-किसमिस चाहिए,न भावत दाल व भातl
देखो उनके बेटे को भी,जागो है पितृ मोह,
आचरण कियो है बाप को,अब अंदर है वोll
#हर भगवान शर्मा
परिचय : हर भगवान शर्मा की जन्मतिथि-अक्टूबर १९५६ तथा जन्म स्थान-रामगढ़-अलवर (राजस्थान)है। आपका पैतृक स्थान-दिल्ली है,जबकि फिलहाल शहर-टोरंटो-कैनेडा में निवास है। शिक्षा में बी.कॉम.के साथ ही एम.ए., जनसंपर्क में स्नातकोत्तर डिप्लोमा सहित पत्रकारिता में भी उपाधि ली है। कार्यक्षेत्र में आप न्यूयॉर्क(अमेरिका) में बैंक में मुख्य प्रबंधक रहे हैं। वर्तमान में टोरंटो में भी एक संस्था में प्रबंधक हैं। सामाजिक क्षेत्र में संस्थापक हरि मंडल कैनेडा,सुंदरकांड पाठ व भजन संध्या द्वारा एकत्र धन को नेत्रहीन बच्चों की पढ़ाई के लिए उपयोग करना सहित 16 वर्ष से सदस्यों के साथ सेवा में समर्पित हैं। आपकी पसंदीदा विधा-हास्य है,इसलिए आप हास्य व्यंग्य की रचनाएं अधिक लिखते हैं। सम्मान यही है कि,नार्थ अमेरिका में ‘लाफ्टर ब्रिगेड’ के नाम से आपको जाना जाता है। लेखन का उद्देश्य-मनोरंजन और सामाजिक जागरुकता फैलाना है।
Very well said Mr sharmaji.keep writing beautiful poems and ur thoughts.
बहुत खूब महाशय ,
धन्यवाद।
Dhanyawad
धन्यवाद
Dhanywad