Read Time1 Minute, 16 Second
गुल अमन के वतन पे खिलाएंगे हम।
हिन्द को विश्व शक्ति बनाएंगे हम॥
देश पर मर मिटे ऐसे फ़ौजी हैं हम।
हर बला से वतन को बचाएंगे हम॥
दिल धड़कता रहे जब तलक सीने में।
गीत अहले वतन के सुनाएंगे हम॥
आँख जो भी उठेगी मेरे हिन्द पर।
शीश उसका धरा में मिलाएंगे हम॥
हिन्द खतरे में हो ये गवारा नहीं।
मिट के भी इसका दामन बचाएंगे हम॥
खुश रहो तुम सदा ऐ वतनवासियों।
सीमा पर रक्त अपना बहाएंगे हम॥
गर्व से बेटों को माँ तू करना विदा।
जब लिपट कर तिरंगों में आएंगे हम॥
#सुमित अग्रवाल
परिचय : सुमित अग्रवाल 1984 में सिवनी (चक्की खमरिया) में जन्मे हैं। नोएडा में वरिष्ठ अभियंता के पद पर कार्यरत श्री अग्रवाल लेखन में अब तक हास्य व्यंग्य,कविता,ग़ज़ल के साथ ही ग्रामीण अंचल के गीत भी लिख चुके हैं। इन्हें कविताओं से बचपन में ही प्यार हो गया था। तब से ही इनकी हमसफ़र भी कविताएँ हैं।
Post Views:
389