बाल साहित्य में मालती बसंत व ग़ज़ल में डॉ. आबिद अम्बर होंगी अहद प्रकाश स्मृति सम्मान से सम्मानित

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मातृभाषा उन्नयन संस्थान द्वारा ‘अनहद अहद’ में किया जाएगा सम्मान

इंदौर। सुप्रसिद्ध बाल साहित्यकार एवं ग़ज़लकार अहद प्रकाश जी की स्मृति में मातृभाषा उन्नयन संस्थान ने दो सम्मान, ‘अहद प्रकाश बाल साहित्य गौरव सम्मान’ एवं ‘अहद प्रकाश ग़ज़ल रत्न सम्मान’, घोषित किए थे, जो प्रतिवर्ष एक बाल साहित्यकार एवं एक ग़ज़लकार को दिए जाएँगे।
इस शृंखला में ‘अहद प्रकाश बाल साहित्य गौरव सम्मान’ के लिए सुप्रसिद्ध बाल साहित्यकार डॉ. मालती बसन्त एवं ‘अहद प्रकाश ग़ज़ल रत्न सम्मान’ के लिए डॉ. आबिद अम्बर का चयन किया गया है।

संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ ने बताया कि ‘अहद जी हिन्दी-उर्दू साहित्य के सर्व स्वीकार्य व्यक्तिव थे, धर्मवीर भारती जैसे सैंकड़ो संपादकों ने उनके सृजन को प्रकाशित किया है, उनका व्यक्तित्व एवं कृतित्व प्रेरणादायी है। उनकी स्मृतियों को चिर स्थायी बनाने के उद्देश्य से अहद प्रकाश जी के परिवार से उनकी धर्मपत्नी, दोनों बेटियाँ फ़ला एवं फ़रहा सहित उनके सुपुत्र फ़ैज़ एवं ओसाब की सहमति से दोनों सम्मान प्रदान किए जा रहे हैं।’
बाल साहित्य के लिए चयनित डॉ. मालती बसंत मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल निवासी सुप्रसिद्ध बाल साहित्यकार हैं। अब तक आपकी 28 पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं जिसमें से लगभग 17 किताबें बाल साहित्य श्रेणी में हैं। आपको 50 से अधिक सम्मान मिले हैं जिसमें वर्ष 2004 में साहित्य अकादमी म. प्र. शासन द्वारा पं. रविशंकर शुक्ल पुरस्कार भी शामिल है।
साथ ही, तात्कालीन राष्ट्रपति अब्दुल कलाम साहब द्वारा आयोजित बाल साहित्यकार सभा में भी आप आमंत्रित रहीं।
आप बाल साहित्य की चर्चित व सर्वस्वीकार्य साहित्यकार हैं। इनके अतिरिक्त ग़ज़ल श्रेणी में चयनित डॉ. अम्बर आबिद भोपाल निवासी प्रख्यात शायरा मुमताज़ सिद्दी की बेटी हैं। आप केंपियन स्कूल भोपाल में अध्यापन करवाती हैं। हिन्दी और उर्दू दोनों भाषाओं पर समान अधिकार के साथ ग़ज़ल, नज़्म, मुक्तक, छन्द, कविता, कहानी, निबंध, लेख इत्यादि लिखती हैं।
ग़ज़लकार के रूप में आपका लेखन उम्दा है। अब तक 6 क़िताबें आ चुकी हैं। आप राष्ट्रीय व अन्तरराष्ट्रीय मुशायरों व कवि सम्मेलनों में भागीदारी करती आ रही हैं।

प्रथम वर्ष यह दोनों पुरस्कार आगामी माह में भोपाल में आयोजित ‘अनहद अहद’ समारोह में प्रदान किए जाएँगे।

संस्थान के संरक्षक राजकुमार कुम्भज सहित संस्थान की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. नीना जोशी, राष्ट्रीय सचिव गणतंत्र ओजस्वी, राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष शिखा जैन, राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य भावना शर्मा, नितेश गुप्ता, सपन जैन काकड़ीवाला आदि ने हर्ष व्यक्त किया।

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।