मातृभाषा के प्रयासों से जुड़ेंगे एक लाख से अधिक हिन्दी प्रेमी

1 0
Read Time4 Minute, 39 Second

एक शहर-ग्यारह घर अभियान का शंखनाद

इन्दौर। भारत के एक हज़ार शहरों में हिन्दीभाषियों के विस्तार की परिकल्पना तैयार कर मातृभाषा उन्नयन संस्थान ने एक शहर-ग्यारह घर अभियान का शंखनाद किया। इस वर्ष सितम्बर माह में आने वाले हिन्दी दिवस तक संस्थान देशभर के लाखों हिन्दीप्रेमियों को एकजुट कर हिन्दी को राष्ट्रभाषा बनाने के लिए समर्थन अर्जित करेगा और इसी के साथ हिन्दीभाषा के प्रचार के लिए कार्य करेगा।
संस्थान के अध्यक्ष डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ ने बताया कि ‘मातृभाषा उन्नयन संस्थान के प्रयासों से वर्तमान में लगभग 20 लाख लोगों ने अपने हस्ताक्षर अन्य भाषाओं से हिन्दी में बदले हैं। इसी अभियान के साथ संस्थान भारत के लगभग एक हज़ार शहरों में हिन्दी के विस्तार की परियोजना लेकर आया है, जिसका ध्येय हिन्दी की सर्वांगणीय मज़बूती है और हिन्दी को भारत की राष्ट्रभाषा के रूप में स्थापित करवाने के लिए जन समर्थन प्राप्त करना है।’
एक शहर-ग्यारह घर अभियान के बारे में श्री जैन ने यह भी बताया कि ‘संस्थान के सभी इकाईयों के पदाधिकारियों के साथ-साथ हिन्दीयोद्धाओं के भी सहयोग से साहित्य अथवा आम व्यक्तियों और परिवारों को हिन्दी के बारे में जागरुक कर हिन्दी का प्रचार किया जाएगा। इससे हिन्दी भी मज़बूत होगी और हिन्दी आंदोलन के लिए कार्यकर्ताओं की शक्ति भी बढ़ेगी।’

क्या है ‘एक शहर-ग्यारह घर अभियान’ ?

‘एक शहर-ग्यारह घर’ अभियान का उद्देश्य भारत के प्रत्येक ग्राम, नगर में इस अभियान के अन्तर्गत ग्यारह परिवारों को मातृभाषा उन्नयन संस्थान से जोड़ा जाएगा। वे ग्यारह परिवार उस नगर में मिलकर हिन्दी भाषा का प्रचार करेंगे, लोगों को हिन्दी के प्रति सकारात्मक भाव से जागरुक करेंगे, हिन्दी को राष्ट्रभाषा बनाने के लिए जनजागृति व हस्ताक्षर बदलो अभियान संचालित करेंगे, विभिन्न विद्यालयों, महाविद्यालयों और विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं को आन्दोलन से जोड़ेंगे। कुल मिलाकर मातृभाषा उन्नयन संस्थान द्वारा संचालित गतिविधियों को अपने शहर में भी संचालित करेंगे और हिन्दी के आयतन का विस्तार करेंगे।
निश्चित तौर पर हमने बचपन से सुना है ‘एक और एक ग्यारह’ तो अब ग्यारह परिवार मिलकर उन नगरों में हिन्दी ग्राम की स्थापना का स्तुत्य कार्य करेंगे। और केन्द्रीय संगठन यथासंभव सहयोग और सहायता भी करेगा। प्रकाशित सामग्री, विवरणिका, प्रचार सामग्री इत्यादि केंद्रीय कार्यालय से उपलब्ध होगी। इसके पीछे यही कारण है कि हिन्दी के व्यास का विस्तार हो।
हिन्दी भाषा के विस्तार के लिए चलाए जा रहे वैचारिक आंदोलन की धार को अत्याधिक पैनी करने में मातृभाषा उन्नयन संस्थान के पदाधिकारियों के बौद्धिक सत्र, व्याख्यान, कवि सम्मेलन आदि का भी आयोजन किया जाएगा।
इस अभियान से भारत का कोई भी नागरिक, जो हिन्दीप्रेमी हो, वह जुड़ सकता है। संस्थान की वेबसाइट व व्हाट्सएप 9406653005 के माध्यम से इस अभियान से जुड़ा जा सकता है। जल्द ही इस अभियान का मोबाइल एप भी तैयार हो रहा है।

matruadmin

Next Post

लता मंगेशकर : स्वर की अधिष्ठात्री का महाप्रयाण

Sun Feb 6 , 2022
फरवरी की छहः तारीख, रविवार की सुबह जिस बुरी ख़बर को लाई, वो कभी न् भूल पाने वाली ख़बर रही। इन्दौर में जन्मी और पूरे भारत ही नहीं अपितु वैश्विक मण्डल में अपने स्वर से स्वयं को स्थापित करने वाली साधिका लता मंगेशकर की सुरलोक की यात्रा का समाचार स्तब्ध […]

पसंदीदा साहित्य

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।