जनवादी लेखक संघ द्वारा मासिक काव्य गोष्ठी टाउन पार्क हिसार में संपन्न

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हिसार-

जनवादी लेखक संघ द्वारा मासिक काव्य गोष्ठी टाउन पार्क हिसार में की गई। इसकी अध्यक्षता जय भगवान लाडवाल और संचालन सरदानंद राजली ने किया । गोष्ठी में मुख्य अतिथि बतौर मास्टर रोहतास- महासचिव, जनवादी लेखक संघ हरियाणा और डॉक्टर अर्जुन सिंह राणा अर्थशास्त्री एवं कानूनविद्ध हिसार रहे। आज की काव्य गोष्ठी पुलवामा के शहीदों और किसान आंदोलन में शहीद हुए किसानों को समर्पित की गई।
गोष्ठी को संबोधित करते हुए मास्टर रोहतास ने कहा कि रचनाकारों को सच को सच कहने की हिम्मत इस समय करनी होगी। पुलवामा हमले का सच किसान आंदोलन के चलते जनता के सामने उजागर हो चुका है ।
शिक्षाविद संजय सागर अपने जोशीले और चिरपरिचित अंदाज में यूं सुनाया,
प्रजा दर पर है,उन्हे प्यार दो राजन।
अपने हठ का परदा,उतार दो राजन।
नवोदित कवि दीपक परमार ने किसान का दर्द बयां करते हुए कहा,
हल चला के दिन रात कमाके जो पेट भरे इंसान का, यो किस्सा सै उस किसान का,जिसने दर्जा दे सै भगवान का”। कवि सरदानंद राजली ने किसान आंदोलन को लेकर कहा,
ये लड़ाई पेट और खेत बचाने की है,
वो कील लगाएंगे हम फसल उगाएंगे। वरिष्ठ कवि ऋषि सक्सेना ने कहा,
कस ली है जब कमर अंदाजे बयां क्यों, हक की है लड़ाई फिर गुनाह क्यों।। वरिष्ठ कवि वीरेंद्र कौशल ने दिल का दर्द बयान करते हुए कहा ,
दिल का बस धड़कना बहुत जरूरी उसका फड़कना माना जरूरी दिल का धड़कना विपरीत हालात में कड़कना।
कवि ऋषिकेश राजली ने देश के हालात पर कहा,
देश बढ़ रहा है, हम बढ़ रहे हैं, हमारे सवाल बढ़ रहे हैं, बस घट रहा है तो मान सम्मान, एकता और इंसानियत। मास्टर कृष्ण कुमार इंदौरा ने कहा,
सियासत में संस्कार नहीं, अहंकार जरूरी है, जनता मूर्ख बाद में पहले सरकार जरूरी है।
वरिष्ठ कवि व प्रेरणा परिवार के निदेशक शुभकरण गौड़ ने अपनी रचना यूं सुनाई,
हमने देश को पाला, तुमने देश को संभाला।
इन नेताओं का जिनका धन भी काला और दिल भी काला।
वैलेंटाइन डे पर कवि जय भगवान लाडवाल ने कहा “वैलेंटाइन डे पर वे एक लड़की को फूल देने लगते,लड़की ने डर से कहा अंकल जी नमस्ते”
आज कि काव्यगोष्ठी में संजय सागर,दीपक परमार,मास्टर कृष्ण इंदौरा,विरेंद्र कौशल,ऋषि सक्सेना, जयभगवान लाडवाल,डाक्टर अर्जुन सिंह राणा,मास्टर रोहतास, रानी,ऋषिकेश राजली,बेगराज,शुभकरण गौड़,सुमन,सलमा,कविता,पूनम आदि रचनाकारों ने अपनी रचनाएं प्रस्तुत की।

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।