भाई बहिन का ये रिश्ता,
कैसा अजीब है ये रिश्ता।
लड़ते झगड़ते है ये आपस मे,
फिर भी टूटता ना ये रिश्ता।।
लड़ झगड़ कर एक हो जाते,
एक दूजे के बिन रह न पाते।
जब हो जाते एक दूजे से नाराज,
बिन मनाएं ये रह नहीं पाते।।
भाई बहिन एक खून का रिश्ता,
जो बनता है दो खूनो से रिश्ता।
वैसे तो संसार में अनेकों रिश्ते,
इससे बड़ा ना है कोई रिश्ता।।
भाई बहिन का अटूट है बंधन,
कभी नहीं टूटता है ये बंधन।
भले ही उनकी शादी हो जाती,
बना रहता है उनका ये बंधन।।
भाई बहिन है आंख के दो तारे,
मां बाप के है दोनों राजदुलारे।
करते हैं मां बाप दोनों को प्यार,
घर के वे है दोनों चमकते सितारे।
बहिन जब सुसराल है चली जाती,
भाई को बहिन बहुत याद है आती
करता रहता बहिन से वह निहोरा,
बहिन पीहर कभी कभी ही आती।
रक्षा बंधन व भाई दौज पर
बहिन भाई का इंतजार है करती।
बनाती है वह अनेकों व्यजन
माथे पर उसके वह तिलक लगाती
आर के रस्तोगी
गुरुग्राम