आओ सब मिलकर गणतंत्र दिवस मनाए ,
इसे विश्व का हम सबसे बड़ा गणतंत्र बनाएं,
लागू हुआ था इस दिन नव निर्मित संविधान,
जिसमे है नागरिकों के सब अधिकार समान,
भेदभाव की इसमें कहीं कोई नहीं है नीति,
चाहे हो वह किसी प्रकार की भी हो नीति।
दिल्ली के राजपथ पर है हम सब इसे मनाते ,
सब मिलकर सब इसे हंसी खुशी से है मनाते ,
सेना के तीनों अंग सलामी देते जाते,
देश के राष्ट्रपति जी इसे लेते ही जाते,
राष्ट्रीय धुन सबके बैंड बाजे है बजाते,
जिसके आगे सबके पैर थिरकते जाते,
गगन में अनेक हवाई जहाज उड़ाए जाते
तरह तरह के वे अपने करतब भी दिखाते,
साथ में तिरंगे के तीनो रंग छोड़ते है जाते,
देखकर सभी देश वासी ताली है बजाते,
होता है इस दिन अनुपम परिदृश्य आसमान में,
देखा नहीं ऐसा दृश्य हमने कभी भी ब्रह्मांड मे ।
तरह-तरह की झांकियां निकलती जाती,
राष्ट्रपति जी को सब सलामी देती जाती,
जल थल नभ की अनेक टुकड़ियां भी आती,
अपने सब हत्यारों के साथ सजकर है आती,
सारे विश्व को अपने पराक्रम भी है दिखाती,
इस तरह सेना भी गणतंत्र दिवस है मनाती।
आर के रस्तोगी
गुरुग्राम