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हाथों पर मेहंदी लगाई है,
माथे पर सिंदूर की रौनकता छाई है |
करवाचौथ को निकलेगा चाँद नभ में –
पिया हित दीर्घजीवी होने की रीति निभाई है ||
सदियों पुरानी संस्कृति हमारी,
जग में भारत भू की बात है न्यारी |
तीज-त्यौहारों, लोक पर्वों से सजी माँ भारती –
करवाचौथ की लोक कथा है बड़ी प्यारी ||
सुहागिनों उठो- जागो भोर – भोर,
अपना घर-आंगन लो बुहार |
पावनपर्व निभाने की पावन घड़ी आई है –
सुहागिनों गाओ मिलकर गीत मधुर ||
मुकेश कुमार ऋषि वर्मा
फतेहाबाद, आगरा
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