बापू तेरे बंदर

0 0
Read Time1 Minute, 44 Second

बापू तेरे तीन बंदरो का,
हम अनुसरण कर रहे है।
और आज तेरे जन्मदिन पर,
श्रध्दा फूल चढ़ा रहा हूँ।
आज़दी तो मिली गई भारत माँ को।
पर अबतक समझ नहीं पाया,
की क्या मिला इससे हमको।।

तेरे बंदर भी है कमाल के,
जो संकेत देते है हर बात के।
एक कहता है देखो सुनो,
पर बोलो मत।
वरना बोलती हमेशा,
के लिए बंद हो जाएगी।
दूसरा कहता है न देखे न सुनो,
और कुछ भी बोल दो।
सारे इस पर उलझ जाएंगे,
और फिर दिनरात पकाएंगे।
तीसरा कहता देखो बोलो,
और किसी की मत सुनो।
नेता अभिनेता बन जाओगें।
और अंधे गूंगे और बैहरो
कि तरह बनकर,
सफल नेता कहलाओगें।
और देश की जनता को
5वर्षों तक उल्लू बनाओगे।
न खुद शांति से बैठोगें
न जनता को बैठने दोगें।
कुछ बोलकर कुछ सुनाकर
और कुछ दिखाकर,
अपास में इन्हें लड़वाओगें।
और देश में अमन शांति
स्थापित नहीं होने देंगे।
जिससे मूल समस्याओं की तरफ,
जनता का ध्यान नहीं जाएगा।।
इसलिए तो कहता हूं कि,
बापू तेरे बंदर कमाल के है।।

नोट : कविता में सीधा बापू लिखा गया है इसका ये मतलब नहीं है कि हम उन्हें आदर नही दे रहे वो तो पूज्यनी है क्योकिं
वो देश के राष्ट्रपिता है। इसलिए उन्हें जन्मदिन के अवसर पर अपने श्रध्दा के फूल उनके चरणों मे चढ़ाता हूँ।।

जय हिंद
संजय जैन मुम्बई

matruadmin

Next Post

लाचारी

Sat Oct 3 , 2020
अहिंसा पर हिंसा भारी है कैसी हो गई यह लाचारी है परलोक में बापू आहत है गांधीवाद पर वज्रपात है जय जवान जय किसान का उदघोष चकनाचूर हो गया है शास्त्री का नारा भी कही खो गया है हालात के मारे किसान सड़क पर है हक पाने को बेचारे संघर्षरत […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।