सैनिक की तपस्विनी मां की गाथा

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“सोचता हूं……. मेरी मां तूने है बहुत कष्ट पाए,तेरे ऊपर है दुखों घनघोर बादल छाए, गरीबी में सारा अपना बचपन गुजार दिया।।

“सोचता हूं……किया सर्वस्व तूने न्योछावर भर जवानी में, पिता,
भाइयों के घर को संवारने में अपना बहुमूल्य समय गुजार दिया।।

“सोचता हूं…… जब भर जवानी की दहलीज में पति का साया तेरे
घर से उठा, छिन- भिन हुई तू , हृदय ने तेरी वेदना को पुकार दिया।।

“सोचता हूं…… विधवा असहाय होकर नन्हे तीन बच्चों को गरीबी में
तूने दूसरों के घर मजूरी कर दुविधा में , कैसे दुख भरा समय थाम दिया।।

“सोचता हूं…..अकेली ही तू चलती रही कष्टों की राहों में,कभी अपनों की ठोकर खाकर, कभी पारायों की तभी भरे समाज ने तुझे बाहर निकाल दिया।

“सोचता हूं….. कैसे निकली होगी तेरे चित् से करुणामय चितकार, तू कहती गर्जना से,मां भारती जा अबकी तुझे ,मैंने अपने दोनों लालों को उधार दिया।

“सोचता हूं….. सूने आंगन में,हर दिवाली में ,ओझल हुए तेरे दोनों लाल नजर से, तो क्या सैनिकों ने नहीं, तेरी ही कोख से दो क्षत्रियों ने है अवतार लिया।

“सोचता हूं…… शर्म नहीं तेरे अपनों को तुझे आज कैसे दुत्कार दिया, मैं कहता हूं फिर, इतना सब होने पर आज तूने अपने को कैसे संवार दिया।

ठाकुर तारा
सुन्दर नगर(हिमाचल प्रदेश)

matruadmin

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।