हिन्दी

0 0
Read Time51 Second

बावन अक्षरों की प्यारी हिन्दी
स्वर -व्यंजन की दुलारी हिन्दी
जन्म की भाषा कहलाती हिन्दी
नवजात रुदन में आती हिन्दी
भारत को पहचान दिलाती हिन्दी
संस्कृति में नज़र आती हिन्दी
परमात्मा की भाषा भी हिन्दी
देवताओ की परिभाषा हिन्दी
ह्रदय की अनूठी भाषा हिन्दी
मौन की सच्ची परिभाषा हिन्दी
फेसबुक मे भी हिंदी ही हिन्दी
व्हाट्स एप मे हिंदी ही हिन्दी
टियूटर में भी छा गई हिन्दी
दुनियाभर को भा गई हिन्दी
आओ हिन्दी का सम्मान करें
हिंदी अपनाने की बात करें।
#श्रीगोपाल नारसन

matruadmin

Next Post

भारत की आन है हिन्दी

Mon Sep 14 , 2020
भारत की आन है हिन्दी, मान है हिन्दी, हर “हिन्दुस्तानी” की पहचान है हिन्दी। नाजों से हैं पली – बढ़ी शुचिता इसकी, भावों की अभिव्यक्त में रसखान है हिन्दी। ऊर्दू , कन्नड़, तमिल, मराठी हर भाषा-भाषी, करूण, वीर, वात्सल्य का गुणगान है हिन्दी। हिन्दी के आँचल में, पले – बढ़े […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।