डॉ वाचस्पति कुलवंत ने साहित्यिकारों को संबोधित किया

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जनपद न्यायाधीश अशोक चौधरी साहब ने काव्यपाठ कर दिया आशीष

साहित्य संगम संस्थान झारखंड उद्घाटन समारोह के अवसर पर योग विद्यापीठ के पूर्व कुलपति, डीएवी मैनेजिंग कमेटी के पूर्व निदेशक, डीवीएम सोसाइटी के संस्थापक विशिष्ट अतिथि डॉ वाचस्पति कुलवंत साहब ने साहित्यिकारों को संबोधित करते हुए कहा कि कवि कभी बूढ़ा नहीं होता। कवि सर्जक होता है और नवीन सृष्टि करता है। टूटी नौका से सागर पार करने का अद्भुत ओज भरते हुए डॉ कुलवंत ने साहित्यिक मंच पर ऐतिहासिक संबोधन दिया। कार्यक्रम अध्यक्ष महागुरुदेव डॉ राकेश सक्सेना जी ने अपनी अमृतवाणी से शुभ आशीर्वाद प्रदान करते हुए प्रेरणादायी मनोहारी काव्यपाठ कर कार्यक्रम का आगाज़ किया।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि पूर्व जनपद न्यायाधीश माननीय अशोक चौधरी साहब ने झारखंड इकाई को शुभकामनाएं देते हुए सारगर्भित संबोधन प्रस्तुत किया। मुख्य अतिथि माननीय अशोक चौधरी साहब का सस्वर काव्यपाठ नई सदी के काव्य को ऊर्जावान बना गया। इस अवसर पर देश के लगभग सवा सौ लोगों ने अपनी स्वरचित कविताओं से दिनभर मंच को झंकृत किया। झारखंड इकाई की नव मनोनीत पदाधिकारिणी में दुमका झारखंड से भारत भूषण पाठक जी प्रदेश अध्यक्ष, डाल्टेनगंज झारखंड से धनञ्जय पाठक प्रदेश सचिव, संगीत सरताज पंडित रामप्रवेश जी पंचपरमेश्वर व सौरभ मिश्रा को साहित्यालंकरण प्रमुख का दायित्व सौंपा गया।

साहित्य संगम संस्थान झारखंड इकाई के उद्घाटन समारोह को सफल बनाने में सह अध्यक्ष दिल्ली के कुमार रोहित रोज़ व राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी डॉ मिथलेश सिंह जी ने लगभग एक सप्ताह से अहर्निश साहित्य श्रम किया। कार्यक्रम उम्दा संचालन हरियाणा के डॉ विनोद वर्मा दुर्गेश जी ने किया।

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।