जीवन में प्यारी निंदिया ,
श्रृंगार में न्यारी बिंदिया ।
अंखियों में छाए निंदिया ,
माथे पे साजे बिंदियां ।
दोनों करती खूब कमाल ,
करती दोनों खूब धमाल।
दोनों बड़ी हैं बेमिसाल,
खूबसूरती से मालामाल।
अखियां सूनी निंदिया बिन,
श्रृंगार है सूना बिंदिया बिन।
जब साथ ना दे तन और मन,
अा जाए निंदिया जानेमन।
निंदिया के आगोश में जा कर ,
ना रहते हैं हम होश में।
जब जागे हम निंदिया से,
अा जाएं हम जोश में।
दिन भर की आपा धापी में,
जब जब हम निढाल हुए।
ओढ़ निंदिया का आंचल,
तब तब हम निहाल हुए।
सबको ना मिलती यारा ,
जीवन में सुकून की निंदिया।
बड़े जतन करवाती है ,
ये नटखट चंचल निंदिया।
अच्छे कर्म कर ले यारा
चैन की निंदिया पाओगे,
जीवन के सफर में मेरे यारा ,
चैन की वंशी बजाओगे।
दर्द थकान चिंता गुस्सा,
सबसे राहत पाओगे,
प्यार तकरार इजहार में,
सही राह चुन पाओगे।
आती है जब निंदिया रानी,
फर्श भी मखमल लगता है।
गद्दे तकिए नहीं जरूरत,
पत्थर भी पुष्प लगता है।
निंदिया है सबसे अनमोल,
इसको ना दौलत से तोल।
सोना चांदी हीरे मोती,
इसके आगे सब बेमोल।
प्यार में टूटा ,प्रियतम से रूठा,
दिल हो चाहे टुकड़ों में टूटा।
निंदिया रानी आए मनाने,
प्यार से दिल को सहलाने।
सपने दिखाए निंदिया रानी,
जन्नत ले जाए निंदिया रानी।
जो हम सच में पा ना पाएं जानी
सपने में दे जाए निंदिया रानी।
लालच धोखा स्वार्थ कपटता,
निंदिया रानी को भाए ना।
देख मानव की निष्ठुरता,
निंदिया रानी पास आए ना ।
रचना
सपना सिंह
औरैया (उत्तरप्रदेश)