ये क्या हो गया

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हंसते चीखते गली मोहल्ले,
अब वीरान से हो गए है।
शहर के सारे चौहराये,
अब सुनसान हो गए है।
पर घर परिवार के लोग,
घरों में कैद हो गए है।
और परिवार तक ही,
अब सीमित हो गए है।
और बनाबटी दुनियाँ को,
अब वो भूल से गये है।।

महानगर बेहाल हो गए है,
माल सिनेमा बंद हो गए है।
पर गांवों के चौपाल,
अब आवाद हो गये है।
क्योंकि गांवों के वासिंदे,
गांव लौट आये है।
और गांवों में शहरों जैसी,
चहल पहल बढ़ाये है।
छोड़कर चकाचौंध शहरों की,
अब सुखशांति से जीने आये है।।

बेटा बहू नाती पोते आदि,
गांव परिवार में लौट आये है।
और सुख दुख के लिए,
अपनो के बीच आ गये है।
और आधुनिकता की परिभाषा को,
अब महानगरों में छोड़ आये है।
और गांव की खुली हवा में,
मानो वो अब जीने आये है।
और अपनी पुरानी संस्कृति को,
अब ठीक से समझ पाये है।।

जीवन की बहुत बड़ी सीख,
दुनियाँ वालो को मिली है।
बनाबटी चकाचौंध क्या होती है,
ये दुनियाँ को समझ आया है।
विश्वशक्ति बनाने के चक्कर में,
अपने घरों को ही आग लगा दी।
और इसके अच्छे बुरे परिणाम,
पूरे विश्व को मिल गये है।
इसी तो हम लोग अच्छे थे,
अपने पुराने दौर में ही।
जिसमें रूखी सुखी खाकर,
कम से कम शांति से जीते थे।।

जय जिनेंद्र देव की
संजय जैन (मुम्बई)

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।