खोज का परिणाम

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समय ने चली अपनी चाल,
बिखर गये बड़े बड़े विध्दामान।
न धर्म काम आया किसी का,
न काम आया अब ये विज्ञान।
बहुत छेड़छाड़ कर रहे थे,
प्राकृतिक सनसाधन और संपदा का।
तो स्वंय प्रकृति ने ही,
रच दिया माहामारी का इतिहास।।

कभी कुत्तों बिल्ली की तुलना,
वैज्ञानिक इंसानों से करते थे।
तो कभी भालू की तुलना,
इंसानों से करके थकते नही थे।
पर अबकी बार सभी प्रयोग,
उनके फैल हो गए।
और खुद ही गधों की,
श्रेणी में अब खड़े हो गए।।

बहुत गूरूर था अपने,
अविष्कारों पर इनको।
प्रकृति के दिए बार बार,
संकेतो को नजरांदाज करते रहे।
अपने अभिमान के कारण ही,
प्रकृति को समझ न पाए ।
और विश्व को झोंक दिया,
बर्बादी की राह पर।।

न अब कुत्ता न बिल्ली
न इंसान काम आ रहा है।
बर्बादी और कामयाबी का,
जश्न शर्म से माना रहा है।
अभी भी वक्त है अभिमानियों,
यही पर लगा दो तुम विराम।
स्वंय प्रकृति ही अब,
सब कुछ ठीक कर देगी।।

मत खोजो इन विनाशकारी,
अस्त्र और शस्त्र आदि को।
जो सबसे पहले तुम्हें ही,
विनाश करके रख देंगे।
और अभी हाल ही में,
हुआ भी तो यही है।
मैत्री भाव दिलमे रखोगे,
तो बदल जाएगी विश्व काया।।

जय जिनेन्द्र देव की
संजय जैन (मुम्बई)

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।