गूगल पर भारतीय भाषाओं में अनुवाद और आसान

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गूगल ने भारतीय भाषाओं के लिए नए उत्पाद  और विशेषता की घोषणा की है। अब गूगल अनुवाद (ट्रांसलेट) गूगल की नई न्यूरल मशीन ट्रांसलेशन तकनीक का इस्तेमाल करेगा। इसके तहत गूगल अंग्रेजी और भारत की 9 भाषाओं के बीच अनुवाद  सुविधा मुहैया कराएगा। गूगल अंग्रेजी और भारतीय भाषाओं जैसे हिन्दी, बंगाली,मराठी,तमिल,तेलुगु,गुजराती,पंजाबी,मलयालम और कन्नड़  के बीच अनुवाद की सुविधा देगा। न्यूरल ट्रांसलेशन तकनीक पुरानी तकनीक से कहीं बेहतर काम करेगी। गूगल ने यह भी घोषणा की है कि,वह न्यूरल मशीन ट्रांसलेशन तकनीक को गूगल क्रोम ब्राउजर में पहले से आने वाले ऑटो ट्रांसलेट फंक्शन में भी मुहैया कराएगा। इसके चलते भारतीय इंटरनेट पर मौजूद किसी भी पृष्ठ को भारत की कुल 9 भाषाओं में देख सकेंगे। ये नई अनुवाद सुविधा सभी उपयोगकर्ताओं के लिए गूगल सर्च और मैप में भी उपलब्ध होगी। ये सुविधा डेस्कटॉप और मोबाइल दोनों पर मिलेगी। यह घोषणा इंडियन लैंग्वेजेज- डिफाइनिंग इंडियाज इंटरनेट शीर्षक के साथ गूगल और केपीएमजी की साझा रिपोर्ट के जरिए की गई है।

गूगल अब 9 भारतीय भाषाओं में उपलब्ध है। इन भाषाओं में आप गूगल पर कंटेंट देख सकते हैं। इतना ही नहीं,गूगल आपके लिए इन भाषाओं से अनुवाद भी करेगा। वो भी पूरे वाक्य,न कि टुकड़ों में। ये भाषाएं हैं हिन्दी,बंगाली,मराठी,तमिल,तेलगु,गुजराती, पंजाबी,मलयालम और कन्नड़। गूगल सर्च और गूगल मैप पर भी अनुवाद की ये सुविधा मिलेगी। गूगल के मुताबिक इस वक्त अंग्रेजी के मुकाबले लोकल भाषाओं में के ज्यादा भारतीय इंटरनेट का इस्तेमाल करते हैं। अगले 4 साल में भारतीय भाषाओं में इंटरनेट का इस्तेमाल करने वाले भारतीयों की तादाद 30 करोड़ होने की उम्मीद है। केपीएमजी के साथ गूगल ने एक रिपोर्ट की है जिसके मुताबिक सबसे ज्यादा तमिल,हिन्दी,कन्नड़,बंगाली और मराठी जानने वाले लोग ऑनलाइन सेवाओं का सबसे ज्यादा इस्तेमाल करते हैं।

(वैश्विक हिन्दी सम्मेलन) 

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संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।