भेड़िये… सिर्फ जंगलों में ही नहीं होते

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कहीं पहने हुए,
इन्सान की खाल ।
और कहीं..
ओड़ इन्सानियत का नकाब
दिख जाते हैं, सब तरफ भेड़िये ।
भेड़िये… सिर्फ जंगलों में ही नहीं होते ।।

कभी अजनबी,
तो कभी बन रिश्तेदार।
कभी सीधे,
तो कभी करें छिप कर प्रहार ।
भेड़िये… सिर्फ जंगलों में ही नहीं होते ।।

मौका मिलते ही करें वार,
कहीं नोचें मांस,
दिखा के प्यार ।
कहीं मारते हैं तिल-तिल करके
कहीं…
एक बार में ही करें काम-तमाम ।
भेड़िये… सिर्फ जंगलों में ही नहीं होते ।।

अंजु गुप्ता

परिचय
जन्मतिथी : 7 अक्टूबर
निवास : हिसार, हरियाणा
विधा : तुकांत , अतुकांत , हाइकु, वर्ण पिरामिड और लघुकथाएँ

शिक्षा : बी.कॉम, PGDMM , PGDCA , MBA , M A (English ), B.Ed

साँझा कविता संग्रह : सत्यम प्रभात, अनकहे जज्बात, मुसाफिर, स्त्री का आकाश, प्यारी बेटियाँ इत्यादि

सम्मान : युग सुरभि सम्मान, काव्य सागर सम्मान, हिंदी सेवी सम्मान, “जय विजय रचनाकार सम्मान”, “काव्य रंगोली साहित्य भूषण सम्मान”, सिद्धि श्रेष्ट सम्मान”, पॉजिटिव वीमेन अवार्ड ” इत्यादि !

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संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।