पूरे देश में लॉक डाउन से सम्भव है मानव चिंतन व मंथन।जिससे निम्नलिखित सम्भव है।जैसे सम्भव है राष्ट्रप्रेम,राष्ट्रहित व राष्ट्रीय एकता व अखंडता।सम्भव है राष्ट्र की राष्ट्रीयता एवं मानव की मानवीयता के जीवन मूल्यों की सुरक्षा।सम्भव है काम क्रोध लोभ मोह एवं अंहकार का समूल नाश।सम्भव है राष्ट्रद्रोह की अंत्येष्टि।सम्भव है क्रूरता के ताडव का अंत।सम्भव है अफसरशाही पर अंकुश।सम्भव है भ्रष्टाचार के सूर्य का अस्त।सम्भव है कलयुग के काल का काल।सम्भव है बुद्धिहीनता एवं स्वार्थ की प्रलय।सम्भव है बलात्कार व निर्मम हत्या की राक्षशवृति की दौड का समापन।सम्भव है न्यायलयों सत्य मेव ज्यते एवं आडियो-वीडियो का शुभारम्भ।सम्भव है पुरुष आयोग की स्थापना।सम्भव है मानव का मानव के प्रति और राष्ट्र का राष्ट्र के प्रति विद्वेष का सुखद सकारत्मक अंत।सम्भव है काला धन संचय,जमाखोरी व कालाबजारी की नकारात्मक मानसिक प्रवृति का अंत।सम्भव है विदेश मोहभंग।सम्भव है विदेशी बैंकों से काले धन की वापसी।सम्भव है सतयुग की वापसी।सम्भव है नारी-नर में विश्वास का उत्थान।सम्भव है कर्तव्यपालन की भावना।सम्भव है वैश्विक शत्रुता का अंत और मित्रता का उदय।सम्भव है राजा और प्रजा में विश्वास का घनत्व।सम्भव है उन बाग-बगीचों का पुनरागमन,जिनके फल व पुष्पों से निरंतर सुगंधित सुगंध का प्रवाह होता है।
ईंदू भूषण बाली