पल- पल बहुत यूं याद आएगी मुझे
ये आग दिल की यूं जलाएगी मुझे
खुद ज़िंदगी खुद से मिलाएगी मुझे
खुद दूर जाके पास लाएगी मुझे
मैं खो गया हूँ अब न जाने किस जहाँ
क्या ज़िंदगी भी ढूंढ लाएगी मुझे
अब ले रही है इम्तिहाँ ये ज़िंदगी
वो हौसलों से ही बढ़ाएगी मुझे
है इल्म की दौलत जो मेंरे पास में
ये आसमाँ में अब उड़ाएगी मुझे
सब साथ रहते है वतन के अपने हम
कैसे सियासत अब डराएगी मुझे
है रास्ते में योँ बहुत उलझन भरी
मंज़िल की चाहत ही जगाएगी मुझे
#आकिब जावेद
परिचय :
नाम-. मो.आकिब जावेदसाहित्यिक उपनाम-आकिबवर्तमान पता-बाँदा उत्तर प्रदेशराज्य-उत्तर प्रदेशशहर-बाँदाशिक्षा-BCA,MA,BTCकार्यक्षेत्र-शिक्षक,सामाजिक कार्यकर्ता,ब्लॉगर,कवि,लेखकविधा -कविता,श्रंगार रस,मुक्तक,ग़ज़ल,हाइकु, लघु कहानीलेखन का उद्देश्य-समाज में अपनी बात को रचनाओं के माध्यम से रखना