माया मीठी , तपन भरती ,आग अंबार लाई !
राधा रीझी , मधुर मुरली, श्याम उद्धार पाई !
मेरे कान्हा, सजल मनुवा, ताप संसार झेले !
रोते नैना , विरह गहरा , ज्वार अंगार खेले !!१
कान्हा मेरे , सृजन करते , प्रेम आकार पाया !
प्रज्ञा धारी, सदगुरु मिले, दिव्य आलोक माया !
वाणी मेरी , निश दिन भजे , श्याम संगीत भाया !
बैठा हूँ मैं, चरण रज में , प्राण विश्वास छाया !!२
काया रोगी , विशद रजनी , जाल अंधेर छाया !
कुंठा भारी , कठिन चलना, हार अंजाम पाया !
तारों स्वामी, चरण गिरता, कौन आधार मेरा !
वाणी गाती, भजन गरिमा, प्राण विस्तार घेरा !! ३
पापी तारे , हरि भजन से ,नाथ कल्याणकारी !
पांचाली की , विषम विपदा, वस्त्र दाता निवारी !
योगी भोगी , सुमिरन करे , कष्ट पाया सहारा !
खोया पाया , जगत करनी , सत्य साईं हमारा !!४
#छगन लाल गर्ग विज्ञपरिचय-छगन लाल गर्ग “विज्ञ”!जन्मतिथि :13 अप्रैल 1954जन्म स्थान :गांव -जीरावल तहसील – रेवदर जिला – सिरोही (राजस्थान )पिता : श्री विष्णु राम जीशिक्षा : स्नातकोतर (हिन्दी साहित्य )राजकीय सेवा : नियुक्ति तिथि 21/9/1978 (प्रधानाचार्य, माध्यमिक शिक्षा विभाग, राजस्थान )30 अप्रैल 2014 को राजकीय सेवा से निवृत्त ।प्रकाशित पुस्तके : “क्षण बोध ” काव्य संग्रह गाथा पब्लिकेशन, लखनऊ ( उ,प्र)“मदांध मन” काव्य संग्रह, उत्कर्ष प्रकाशन, मेरठ (उ,प्र)“रंजन रस” काव्य संग्रह, उत्कर्ष प्रकाशन, मेरठ (उ,प्र)“अंतिम पृष्ठ” काव्य संग्रह, अंजुमन प्रकाशन, इलाहाबाद (उ,प्र)“तथाता” छंद काव्य संग्रह, उत्कर्ष प्रकाशन, मेरठ (उ.प्र.)“विज्ञ विनोद ” कुंडलियाँ संग्रह , उत्कर्ष प्रकाशन मेरठ (उ.प्र. ) ।“विज्ञ छंद साधना” काव्य संग्रह, उत्कर्ष प्रकाशन!साझा काव्य संग्रह – लगभग २५सम्मान : विद्या वाचस्पति डाक्टरेट मानद उपाधि, साहित्य संगम संस्थान नईं दिल्ली द्वारा! विभिन्न साहित्यिक मंचो से लगभग सौ से डेढ सो के आस-पास!वर्तमान मे: बाल स्वास्थ्य एवं निर्धन दलित बालिका शिक्षा मे सक्रिय सेवा कार्य ।अनेकानेक साहित्य पत्र पत्रिकाओ व समाचार पत्रों में कविता व आलेख प्रकाशित।वर्तमान पता : सिरोही (राजस्थान )