मां कोटि कोटि तुझे प्रणाम,
करते तुझे हम सुबह शाम।
मां सर पर रहे तेरा सदा साथ,
कभी न छूटे तेरा हमसे साथ।
तुम दुनिया की रखवाली हो,
बिगड़े काम बनाने वाली हो।
करे याद तुझे हम सुबह शाम।
मां कोटि कोटि तुझे है प्रणाम।।
मन में न आये कोई बुरा विचार,
करे हम सदा सबका उपकार।
ऐसी शक्ति मां हमको दीजिए,
दुरगनो को दूर हमसे कीजिए।
ऐसे विचार मन में करे विश्राम,
मां कोटि कोटि तुझे है प्रणाम।।
मां सबके आओ तुम द्वार,
उनको सम्पत्ति दे तूमअपार।
उनके कष्टों को तुम हरना
उनकी सब मदद तुम करना।
यह विनती करते सुबह शाम,
मां कोटि कोटि तुझे है प्रणाम।।
मां तेरे कोटि कोटि है रूप,
कहीं छाया है कहीं है धूप।
करती हों सिंह की सवारी,
कभी बन जाती खप्पर धारी।
कैसे करू तेरा रूप का बखान,
मां कोटि कोटि तुझे है प्रणाम।।
मां तेरे से एक अब अरदास,
इस कोरोना का करो विनाश।
सब सुख की बंशी बजावे,
बस तेरा ही नित्य गुण गावे।
यह मेरे नहीं सबके है अरमान,
मां कोटि कोटि तुझे है प्रणाम।।
मां तेरे ही नौ नए हैअवतार
हर कन्या में दिखते ये अवतार
इसलिए करते कन्या की पूजा
करते नहीं कोई काम हम दूजा
करते है सब तेरा ही हम ध्यान।
मां कोटि कोटि तुझे है प्रणाम।।
आर के रस्तोगी
गुरुग्राम