शीत बीता बसंत लौटा
बहारों का मौसम लौटा
फूलों के इस मौसम में
भंवरों का यौवन लौटा
मस्ती में भंवरों की
पुष्प पराग को ललचाती है।
आम के मंजरो पर कोयल काली
इठलाती गाती गीत सुनाती है।
खेतों में पीली सरसों फूलाती
बसंती हवा के झोकों पर लहराती
नवीन फसलों की सौगात देकर
चहुँ ओर सुन्दर लतायें
मनोरम दृश्य और सुगन्ध बिखेरती है।
किसानो का रौनक लौटा
मालीयों का मन ह्रखित
चहु ओर भंवरों का झुंड लौटा
ऋतु राज सबको भाता
न ठंढी न गर्मी महसूस होता।
मन चंचल और आनंदित होता
रंग बिरंगी तितलियाँ की अठखेलियाँ
उड़ उड़ कर संदेश देती
बसंत की आवो हवा
रंग ही रंग विखेरती है।
“आशुतोष”
नाम। – आशुतोष कुमार
साहित्यक उपनाम – आशुतोष
जन्मतिथि – 30/101973
वर्तमान पता – 113/77बी
शास्त्रीनगर
पटना 23 बिहार
कार्यक्षेत्र – जाॅब
शिक्षा – ऑनर्स अर्थशास्त्र
मोबाइलव्हाट्स एप – 9852842667
प्रकाशन – नगण्य
सम्मान। – नगण्य
अन्य उलब्धि – कभ्प्यूटर आपरेटर
टीवी टेक्नीशियन
लेखन का उद्द्श्य – सामाजिक जागृति