जिस आंगन में ना खेली लाडो,
ना गूंजी इसकी किलकारी,
वो क्या जाने..?
कैसी होती है ये बेटियां….
:- माँ-बाप की जरा सी आह पर,
खुलकर रोती है ये बेटियां,
ऐसी होती है ये बेटियां……
:- माँ-बाप की गोद मे सर रखकर,
सुकून से सोती हैं ये बेटियां,
ऐसी होती हैं ये बेटियां……
:- आक को आंगन से उखाड़कर,
आम ही बोती है ये बेटियां,
ऐसी होती हैं ये बेटियां……
:- हर दुःख हरकर माँ-बाप का,
खुशियों में डुबोती है ये बेटियां,
ऐसी होती है ये बेटियां……
:- हर कीचड़ की साफ करके,
गंगाजल सा धोती हैं ये बेटियां,
ऐसी होती हैं ये बेटियां…….
#सुषमा मलिक
परिचय : सुषमा मलिक की जन्मतिथि-२३ अक्टूबर १९८१ तथा जन्म स्थान-रोहतक (हरियाणा)है। आपका निवास रोहतक में ही शास्त्री नगर में है। एम.सी.ए. तक शिक्षित सुषमा मलिक अपने कार्यक्षेत्र में विद्यालय में प्रयोगशाला सहायक और एक संस्थान में लेखापाल भी हैं। सामाजिक क्षेत्र में कम्प्यूटर प्रयोगशाला संघ की महिला प्रदेशाध्यक्ष हैं। लेखन विधा-कविता,लेख और ग़ज़ल है। विविध अखबार और पत्रिकाओ में आपकी लेखनी आती रहती है। उत्तर प्रदेश की साहित्यिक संस्था ने सम्मान दिया है। आपके लेखन का उद्देश्य-अपनी आवाज से जनता को जागरूक करना है।