#साधना छिरोल्यादमोह(म.प्र.)
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लिखे भी सुन्दर,दिखे भी सुन्दर,
और गुणों की खान,
ऐसी प्यारी हिंदी हमारी,
हमें इस पर अभिमान।।
सोंधी-सोंधी खुशबू इसमें
अपनी माटी की महक भी इसमें,
भारत का है तीन चौथाई,
हिंदी बोले हिंदुस्तान।।
जनमानस की भाषा है ये,
गांधीजी कहते पुरजोर,
नेहरू और शास्त्री ने भी,
दिया हमेशा इस पर जोर।।
गोविन्ददास,गुप्त,द्विवेदी,
और काका कालेलकर,
राष्ट्रभाषा इसको बनाने,
कोशिश करते जीवन भर।।
१४सितम्बर १९४९का है ये शुभ दिन आया,
जब हिंदी ने राजभाषा का दर्जा पाया,
आओ हम सब कसम ये
खायें,
मन करें और मान बढ़ायेऺ॑।।
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