टीवी बहस है घातक

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baldva

बहस खुद से करो तो,सारे सवालों के जबाब मिल जातें हैं..और दूसरों से करो तो कई सवाल खड़े हो जाते हैं।
बहस न करें दूसरों से जैसा आजकल टीवी पर होता है,टीवी की बहस निर्रथक है। समस्याओं को हटाने की बजाए समस्याएं बढ़ाई है,बस समझ की जरुरत है,इसलिये मीडिया के बजाए सामजिक मीडिया का असर बढ़ रहा है। अगर मीडिया नहीं सुधरा तो, विलुप्त हो जाएगा।
दुनिया में सबसे अधिक कोई बलवान है तो वो है इच्छाशक्ति। दुनिया की हर चीज इसके माध्यम से तुम्हें मिल सकती है,चाह होगी तो राह अपने आप मिल जाएगी। वो हर चीज तुम्हें प्राप्त होती है,जो तुम्हारे लिए जुनून बन जाती है।
आगे बढ़ने की,महान बनने की,सफल होने की,कुछ अलग करने की इच्छा जरुर रखो। संसार के जितने भी साधन हैं,वो मनुष्य के लिए ही बने हैं।
कमजोर को कुछ भी नहीं मिलता, साहसी को सब कुछ मिलता है। कायरता के अंधेरे से बाहर निकलो, और आगे बढ़ने का सपना देखो,उसी को जियो, हर चीज तुम्हें प्राप्त होगी।
याद रखिए कि,मुसीबतों से ही शख्सियत उभरती है यारों..जो चट्टानों से न उलझे, वो झरना किस काम का।
इच्छाशक्ति की ताकत बढ़ाने का टॉनिक है सात्विक(जैविक)अन्न व सात्विक सत्संग,देशी गाय का दूध, गाय का बिलोया वा पुराना घी। सात्विक(जैविक)अन्न व सब्जियों के लिए देशी गाय की जरुरत है। आप अपने बच्चों में संस्कार देना चाहते हैं तो देशी गाय के दूध और उससे बनी वस्तुओं व जैविक अन्न का इस्तेमाल कीजिए। अच्छे खानदान में शादी इसलिए की जाती है कि,आने वाली नस्ल में खानदान के (गुण)जीन्स जरुर आते हैं। प्रेम विवाह या गलत जगह शादी से गुण भ्रमित हो जाते हैं और आगे जाकर बर्बादी का कारण बनते हैं।
इच्छाशक्ति,दिमाग की ताकत व घर में लक्ष्मी जी का वास चाहिए तो जैविक अन्न ही खाएं,ताकि मन में शांति रहे।

                                                                 #शिवरतन बल्दवा

परिचय : जैविक खेती कॊ अपनाकर सत्संग कॊ जीवन का आधार मानने वाले शिवरतन बल्दवा जैविक किसान हैं, तो पत्रकारिता भी इनका शौक है। मध्यप्रदेश की औधोगिक राजधानी इंदौर में ही रिंग रोड के करीब तीन इमली में आपका निवास है। आप कॉलेज टाइम से लेखन में अग्रणी हैं और कॉलेज में वाद-विवाद स्पर्धाओं में शामिल होकर नाट्य अभिनय में भी हाथ आजमाया है। सामाजिक स्तर पर भी नाट्य इत्यादि में सर्टिफिकेट व इनाम प्राप्त किए हैं। लेखन कार्य के साथ ही जैविक खेती में इनकी विशेष रूचि है। घूमने के विशेष शौकीन श्री बल्दवा अब तक पूरा भारत भ्रमण कर चुके हैं तो सारे धाम ज्योतिर्लिंगों के दर्शन भी कई बार कर चुके हैं।

matruadmin

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आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।