दो भाई थे, जिनकी उम्र 12 और 10 वर्ष थी ।उनकी मां का नाम सुधा था।एक दिन वे अपनी माता से बोले मां हम बगीचे में खेलने जायें ? माता ने प्रसन्न होकर उन्हें बगीचे में खेलने की अनुमति दे दी ।दोनों भाई खुशी- खुशी बगीचे में खेलने गये।थोड़ी देर बाद बड़ा भाई रोते हुए घर आया ।सुधा ने पूछा क्या हुआ बेटा?
अरे मम्मी वहाँ तो गुलाब में कांटे लगे हुए हैं इसलिए मेरा मन दुखी ।हो गया।तभी छोटा भाई हंसते हुए आया ।सुधा बोली क्या बात है बेटा तुम बहुत खुश हो ? वह बोला अरे माँ वहाँ रंगबिरंगे गुलाब और उनकी खुशबू से मेरा मन प्रसन्न हो गया ।
मुस्कुराती हुई सुधा बोली देखो बेटा वस्तु एक ही है ,बगीचे में गुलाब के फूल । तुम गुलाब की सुगंध और सुन्दरता को देखकर खुश हुए और तुम्हारे बडे भाई ने गुलाब में लगे कांटों को देखा और दुखी हो गया ।।जो लोग किसी भी वस्तु के अच्छे रूप को देखकर खुश होते हैं ऐसे लोग सकारात्मक सोच रखते है और जो किसी वस्तु के बुरे रूप को देखकर दुखी होते हैं ऐसे लोग नकारात्मक सोच रखते हैं ।सकारात्मक सोच वाले अपने जीवन में हमेशा आगे बढते हैं, मुश्किलों के आने पर हताश नहीं होते बल्कि हिम्मत से सामना करते हैं ।नकारात्मक सोच वाले छोटी सी मुसीबत आने पर हताश हो जाते हैं और।जीवन में असफल रहते है। अतः हमें हमेशा सकारात्मक सोच रखनी चाहिए ।
#आशा जाकड