. 1
सपन सुभागी है सदा,उत्तम इसकी जात।
नींद रहे तक दोय है, इकले जगे प्रभात।।
. 2
सपने खुलती आँख के, सोन नहीं है देत।
प्राप्त करे हम लक्ष्य को,तभी चैन अरु हेत।।
. 3
स्वप्न देश के देखिये, खुशहाली चहुँओर।
मेरे भारत में करे, स्वर्ण विहग शुभ भोर।।
. 4
सपना सारे विश्व का,देखो मनुज सुजान।
जगत गुरु भारत बने, मेरा देश महान।।
. 5
जागत सपने देखिये, जानिये जय किसान।
सीमा रक्षित जो करे, बोलिए जय जवान।।
. 6
चेतन सपने देख मनु ,करले जय विज्ञान।
कर्म सदा ऐसे करो, होवे देश महान।।
. 7
आँखों में सपने पले, लोकतंत्र मजबूत।
जननी जन्मभूमि पितर,माने सभी सपूत।।
. 8
सपने देखो प्रीत के , चूनर धानी मात।
पेड़ लगा कर हरीतिमा,कीजे धरती गात।।
. 9
सपने गुरबत के सजे, सबकी करो सहाय।
मानुष जीवन सुधरता,हरि सन प्रीत लगाय।।
. 10
रीत प्रीत के सपन भी, देख भारती साथ।
सर्व समर्पण देश हित,मन मस्तक अरु हाथ।।
. 11
मेरे सपने यों फले,सत साहित्य प्रकाश।
शर्मा बाबू लाल की, एक यही अरदास।।
नाम– बाबू लाल शर्मा
साहित्यिक उपनाम- बौहरा
जन्म स्थान – सिकन्दरा, दौसा(राज.)
वर्तमान पता- सिकन्दरा, दौसा (राज.)
राज्य- राजस्थान
शिक्षा-M.A, B.ED.
कार्यक्षेत्र- व.अध्यापक,राजकीय सेवा
सामाजिक क्षेत्र- बेटी बचाओ ..बेटी पढाओ अभियान,सामाजिक सुधार
लेखन विधा -कविता, कहानी,उपन्यास,दोहे
सम्मान-शिक्षा एवं साक्षरता के क्षेत्र मे पुरस्कृत
अन्य उपलब्धियाँ- स्वैच्छिक.. बेटी बचाओ.. बेटी पढाओ अभियान
लेखन का उद्देश्य-विद्यार्थी-बेटियों के हितार्थ,हिन्दी सेवा एवं स्वान्तः सुखायः