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विश्व मातृदिवस विशेष
जन्म दिया तूने ये मुझ पर उपकार है,
मां मेरी तू जग में सबसे महान है।
तेरे आँचल की छांव में खेला,
पाई जग में खुशियां मेने सारी।
सदियों से धरा पर तेरा ही गुणगान है,
तुझसा न दुनियां में और कोई नाम है।
लक्ष्मी ,दुर्गा और शारदा का रूप है,
वसुंधरा पर नारी तेरा ही प्रतिरूप है।
तूने अंचल से अमृत बरसाया,
तभी मेरा जीवन हरषाया।
पहला शब्द मां जब निकला,
तेरे मन मे भी एक फूल खिला।
उंगली पकड़ चलना तूने सिखया,
जग के सब रिश्तों को तूने बताया।
#प्रमोद बाफना
परिचय : प्रमोद कुमार बाफना दुधालिया(झालावाड़ ,राजस्थान) में रहते हैं।आपकी रुचि कविता लेखन में है। वर्तमान में श्री महावीर जैन उच्चतर माध्यमिक विद्यालय(बड़ौद) में हिन्दी अध्यापन का कार्य करते हैं। हाल ही में आपने कविता लेखन प्रारंभ किया है।
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