मुस्लिम महिलाओं के साथ देश के लिए भी घातक होंगीं शरिया अदालतें  : सुरेन्द्र जैन

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vinod bansal
विहिप ने की देश विरोधी गैर संवैधानिक आल इण्डिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड को भंग करने की मांग

नई दिल्ली । 

विश्व हिन्दू परिषद् ने आज कहा है कि मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के द्वारा देश के हर जिले में शरिया अदालतें स्थापित करने का निर्णय न सिर्फ मुस्लिम महिलाओं वल्कि सम्पूर्ण देश के लिए घातक सिद्ध होगा वल्कि मुस्लिम समाज में न्यायपालिका के प्रति एक गहरे असम्मान का निर्माण भी करेगा। विहिप के केन्द्रीय संयुक्त महामंत्री डा सुरेन्द्र जैन ने शरिया अदालतों को देश में समानांतर न्याय व्यवस्था खड़ी करने का एक षड्यंत्र करार देते हुए आज यह भी कहा है कि यह कैसी विडम्बना है कि स्वयं का कोई वैधानिक अस्तित्व न होते हुए भी आल इण्डिया मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड गैर कानूनी शरिया अदालतों का निर्माण कर रहा है। उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि मुस्लिम समाज को पिछड़ा बनाए रखने वाले इस कट्टरपंथी असंवैधानिक संगठन को ही भंग कर दिया जाए।

डा जैन ने कहा कि शरिया अदालतों के माध्यम से देश के मुल्ला मौलवी तीन तलाक को अवैध घोषित करने के सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय को विफल कर देंगे। हलाला, बहु विवाह का मामला भी सुप्रीम कोर्ट के सामने है जिसका कोई भी सभ्य-समाज समर्थन नहीं कर सकता। पर्सनल ला बोर्ड का यह नया पैंतरा सर्वोच्च न्यायालय के संभावित निर्णय को विफल करने का भी एक षड्यंत्र है। विश्व हिंदू परिषद का यह मानना है कि शरिया अदालतें मुस्लिम महिलाओं पर अत्याचार करने के जिहादियों के अधिकार को संरक्षित कर देश में विद्वेश का वातावरण निर्माण करने का एक सशक्त माध्यम बनेंगी।

विहिप का यह भी मत है कि शरिया अदालतें मुस्लिम बहुल इलाकों में न सिर्फ गैर मुस्लिमों पर कहर बनकर टूटेंगी वल्कि समाज को इनके तालिबानी निर्णय को मानने के लिए मजबूर होना पड़ेगा। इनकी स्थापना के बाद बंगाल की अनीता की तरह नाबालिक हिंदू लड़की का जबरन धर्मांतरण कर उसके निकाह को वैधानिक रूप देने का कुप्रयास भी किया जाएगा। जिहादियों द्वारा हिंदू महिलाओं पर किए जाने वाले अत्याचारों को ये शरीयत सम्मत घोषित करेंगी। इतना ही नहीं, यदि हिंदू भी इनका विरोध करेगा तो उन पर अत्याचार किए जाएंगे। नाइजीरिया व सूडान आदि देशो में शरिया अदालतों का निर्णय थोपने के कारण ही तो हिंसक परिस्थितियां निर्माण हुई। उन्होंने पूछा कि क्या पर्सनल लॉ बोर्ड भारत में भी यही स्थिति लाना चाहता है?

विहिप संयुक्त महामंत्री ने आरोप लगाया कि पर्सनल लॉ बोर्ड इनको मध्यस्थता का केंद्र बता कर अपनी इस घिनौनी करतूत पर पर्दा डालना चाहता है। कितनी महिलाएं इन अदालतों के निर्णय का विरोध करने का साहस जुटा पाएंगीं? उन्होंने यह भी कहा कि दुर्भाग्यवश खापों का विरोध करने वाले कांग्रेसी व वामपंथी भी शरिया अदालतों के पक्ष में खड़े हैं। मुल्ला, मौलवी तो बिना शरिया अदालतों के ही प्रतिदिन महिलाओं व मानवता के विरोध में फतवे जारी करते हैं। शरिया अदालतों का दर्जा मिलने  पर उनके अत्याचारों की गंभीरता को आसानी से समझा जा सकता है।

विश्व हिंदू परिषद देश के प्रबुद्ध वर्ग से भी यह अपील करता है कि वे शरिया अदालत लाने वालों और उनके समर्थकों पर दबाव डालें जिससे कि वे इस संविधान विरोधी व मानवता विरोधी षड्यंत्र को लागू न कर सकें। इसके विरोध में जागरूक मुस्लिम समाज को एक जन जागरण अभियान प्रारंभ कर पर्सनल ला बोर्ड को अविलम्ब भंग करने के कदम उठाने चाहिए।

#विनोद बंसल

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।