ग़ज़ल

0 0
Read Time1 Minute, 7 Second
cropped-cropped-finaltry002-1.png
क्या अंदर, क्या बाहर है
सिर्फ़ ख़ला का मंज़र है
क्या बेहतर क्या बदतर है
सब कुछ सोच पे निर्भर है
जिसके हाथ में पत्थर है
वो तो ख़ुद शीशागर है
सोच का पैकर बदला है
आज ग़ज़ल कुछ हटकर है
ग़म की सहबा पी कर अब
ख़ुश रह पाना दूभर है
सुख दुख के दो पासे हैं
ये जीवन इक चौसर है
दो पल को भी चैन सुकूँ
किसको आज मयस्सर है
देख के सूरज के तेवर
साये को लगता डर है
धूप को बाहों में भरकर
खेती करता हलधर है
मर मर कर जीते रहना
मरने से भी दुष्कर है
वाणी पर संयम रखना
इंसानों का ज़ेवर है
उतने पैर पसारा कर
जितनी लंबी चादर है
दफ़्तर में घर साथ रहे
घर में भी इक दफ़्तर है
ये जो है तकनीक नयी
इस जीवन की महवर है
मैं ख़ुद अपने जैसा हूँ
तुझ में मुझ में अंतर है
#अजय अज्ञात 
फ़रीदाबाद 

matruadmin

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

शुक्रिया

Wed Jul 4 , 2018
एक मुस्कुराहट देने का शुक्रिया थोडा पास बुलाने का शुक्रिया  वह तकियों के साथ  की गुस्ताखियाँ वह पेट में बल पड़ने तक का हँसना हँसाना  सुनो वह गुलाबी यादें याद दिलाने का शुक्रिया…..!!! हौले से शब्दों से छूना वह कान के पास  शरारत से गुनगुनाना  हाथो में हाथ थामे वह […]

पसंदीदा साहित्य

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।