शांत चित्त ताल के पानी पर,
तिनके के व्यवधान से उत्पन्न,
मंद पवन के उन्वान से व्युत्पन्न,
मदिर मदिर सरकती नौका के,
हौले हौले उत्पात से जनित,
किनारों को ढूंढती नन्ही नन्ही लहरों का,
उद्वेलनाओं का बहाव है कविता……..
चंचल हिरणी सी दौड़ती,
तड़ित दामिनी सी कौंधती,
कलकल करती दरिया सी मचलती,
कलरव कर चिड़ियों सी बतियाती,
सहज सदियों से जागती,
प्रकृति के मुख का सुन्दर प्रतिबिंब है कविता………….
युद्ध की विभीषिका है तलवारों की टंकार भी,
सुनामी की आपदा गरीबी की दास्तां,
चीत्कार की पुकार, रौद्र की हुंकार,
त्रासदी का हाहाकार है कविता………
ह्रदय स्पंदन के हौले से हिचकोले,
वमन भावनाओं का, गठन उलाह्नाओं का,
शमन आकांक्षाओं का, समाधान विडम्बनाओं का,
सरंध्र सुराही सा काम करती ये कविता……..
मन के प्रशीतलन का……
नाम- श्रीमती मनीषा नेमा
वर्तमान पता-थाणे
राज्य-महाराष्ट्र
शहर-थाणे
शिक्षा- पोस्ट ग्रेजुएट (वनस्पतिशास्त्र)
कार्यक्षेत्र- ट्रांसलेटर (इंग्लिश<>हिंदी)
विधा -दोहा, मुक्तक, छंदमुक्त, हाइकु, सेदोका,चोका, लेख, समसामयिक विषय गद्य
प्रकाशन- वर्तमान अंकुर, पत्रिका काव्य स्पंदन, दैनिक भास्कर,
सम्मान-सर्वश्रेष्ठ लेखन के लिए ऑनलाइन प्रशस्तिपत्र विभिन्न समूहों से, शब्द श्री, काव्य प्रत्यूषा, आदि
अन्य उपलब्धियाँ-………शिक्षिका रह चुकी हूँ, कम्प्युटर प्रशिक्षक, ट्रांसलेटर
लेखन का उद्देश्य-अपने मन के भाव लिखना, समाज में बदलाव लाना
एक मौलिक रचना-शीर्षक सहित कविता क्या है?
सर, मेरी रचना को मात्रभाषा पर स्थान देने के लिए आपका ह्रदय से आभार.