चलिए कई दिनों बाद किसी मंत्री ने शिष्टाचार की बात कही है। सुनकर अच्छा लगा कि जनता के साथ-साथ नुमाइंदे भी व्यवस्था की व्यथा से ग्रसित है। तभी तो लगाम लगाने के लिए भ्रष्टाचार पर तंज कस रहे हैं। वह भी रिश्वत जैसी अमरबेली महामारी के हद दर्जे की आफत […]
राजनीति
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कश्मीर की आज़ादी, 370 का हटना, 35ए का समाप्त होना, कश्मीरियत का हिंदुस्तानी तिरंगे में लिपट-सा जाना, चश्म-ए-शाही का मीठा पानी देना, झेलम का बासंती उफान, चिनार का खुशियाँ मनाना, चीड़ और देवदार का झुक-सा जाना, डलका केसरिया बाना, कानून का एक-सा हो जाना, जब जायज है, पर उससे भी अधिक आवश्यक है हिंदुस्तानियों को कश्मीरियत के लिए प्यार लुटाना। यकीन मानिए कश्मीर कभी अलग नहीं था, बस चंद अतिमहत्वाकांशियों की भेंट चढ़ रहा था। मैं कश्मीर जब भी गया, बहुत मोहब्बत पाई, रिक्शेवाले से लेकर भोजनालय वाले तक, भाई से लेकर बहन तक, कश्मीरी भाषा के लेकर हिन्दी तक।कश्मीर के व्याकरण को समझने के लिए कुछ दिन तो गुजारना कश्मीर में। वहाँ कि आवाम भी इन फसाद, जंग, झगड़ों […]