लाकडाउन के दौर में अर्थव्यवस्था बीच में बाजार में गिर गयी थी। उसे उठाने का प्रयास तब पुलिस वालों ने किया लेकिन वे उसे उठा नहीं पाये। पुलिस वाले तो उस पर सिर्फ लाठियां चला रहे थे और कह रहे थे कि मुआ अर्थव्यवस्था को भी इसी लाकडाउन के वक्त […]

सेवा में, प्रधानमंत्री दामोदर भाई नरेंद्र मोदी जी, भारत सरकार नई दिल्ली। दिनांक: 14 मार्च 2020 विषय: रेडियो स्टेशन जम्मू द्वारा सरकार के विरुद्ध दुष्प्रचार रोकने एवं व्यवस्था सुधारने हेतु प्रार्थना पत्र। आदरणीय महोदय, जय हिंद! आदरणीय माननीय सम्माननीय प्रधानमंत्री दामोदर भाई नरेंद्र मोदी जी एवं सशक्त गृहमंत्री अमित शाह […]

मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से साभार सुषमा स्वराज की हिन्दी पर बड़ी शानदार पकड़ थी. उनकी हिंदी में तत्सम शब्द अधिक होते थे. फिर भी उनकी भाषा बनावटी नहीं लगती थी. विदेश मंत्री रहते हुए सुषमा स्वराज ने अपने एक चर्चित भाषण में सितम्बर 2016 में संयुक्त राष्ट्र में हिन्दी में […]

मातृभाषा कोई भी हो,उसे बोलना व लिखना बेहद सहज होता है।चूंकि मेरी मातृभाषा हिंदी है ,जो मेरे लिए गौरव की बात है।सच पूछिए तो हिंदी को मात्र भारत की भाषा नही कह सकते।देवनागरी हिंदी भाषा मे अ, आ,इ, ई,ओ,उ,में जो स्वर गूंजते है वही स्वर नवजात शिशु के रुदन से […]

सेवा में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी, दिनांक: 07 फरवरी 2020 विषय: नागरिकता संशोधन कानून CAA के पक्ष में पदयात्रा की समय रहते तुरंत अनुमति हेतु आवेदन-पत्र के अंतर्गत मेरी सरकार के सुसाशन के सकारात्मक एवं नकारात्मक बिंदु……. एक शोध आदरणीय महोदय, जय हिंद प्रतिलिपि सेवा में:- (1) माननीय सांसद डा.जितेंद्र […]

निष्कर्ष = भ्रष्टाचारी अल्प आयु होते हैं। राय = भ्रष्टाचारियो ईश्वर से डरो। इन्दु भूषण बाली पत्रकार, समाजसेवक, एसएसबी विभाग का पीड़ित पूर्व कर्मचारी, लेखक हिंदी डोगरी व अंग्रेजी एवं भारत के राष्ट्रपति पद का पूर्व प्रत्याशी तहसील ज्यौड़ियां जिला जम्मू जम्मू कश्मीर Post Views: 436

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।