जीवन जीने के लिए यह सत्य है कि स्वस्थ रहना बहुत ही ज़रूरी है। क्योंकि, जीवन का मुख्य आधार ही स्वास्थ है। जब किसी भी व्यक्ति का स्वास्थ उसकी दिनचर्या के अनुरूप नहीं होता तो वह व्यक्ति कदापि अपने जीवन में सफल नहीं हो सकता। यदि जीवन में सफल होना […]

सुशांतसिंह यह नाम हर जुंबा पर है। शायद जो लोग उस प्रतिभा सम्पन्न लड़के को पहले नहीं जानते थे। वे भी आत्महत्या के बाद उसे जानने लगे। उसके काम की तारीफ करने लगे और आत्महत्या को घिनौना काम बताते हुए दार्शनिक अंदाज में आत्महत्या को कायराना हरकत बता कर अपने […]

कश्मीर के पुंछ में एक राजपूत परिवार में इस बालक का जन्म होता है बालक लक्ष्मण दास बचपन में बहुत चपल और उद्दंड थे, अपने मित्रों के साथ बहुत शरारत करते। युवावस्था की कुछ घटनाओं के कारण लक्ष्मण दास का मन सांसारिक संबंधों और परंपराओं से विलग हो गया था […]

ह्यूमन ट्रैफिकिंग यानि कि मानव तस्करी का आशय तो आप सभी लोग जानते ही होगे, और क्यूं नहीं शब्द में ही जो अर्थ निहित है! किसी व्यक्ति को धोखा देकर, डराकर, बलपूर्वक बंधक बनाकर कई तरह के प्नलोभन देकर उनकी इच्छा के विरूद्ध कार्य करवाकर खुद का स्वार्थ देखना ही मानव […]

केरल में पशुओं के साथ दुर्व्यवहार का एक बेहद शर्मनाक मामला सामने आया है। दरअसल, यहां शनिवार को एक गर्भवती हथिनी की मौत हो गई। जानकारी के मुताबिक वह बहुत ही शांत स्वभाव की थी, किसी को न तो परेशान करती ना ही फसल खराब करती। भूखी होने के कारण […]

पर्यावरण को लेकर तमाम देशों की अब तक की जो धारणाएं हैं, जो नीतियां हैं, उनमें व्यापक बदलाव किये जाने और एक साझा नीति बनाकर पूरी दुनिया को एक साथ आगे बढ़ने का समय आ गया है। कोरोना संक्रमण ने पूरी दुनिया को प्रकृति और पर्यावरण पर अपनी सोच को […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।